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नई दिल्ली। फिक्की की ओर से विदेश व्यापार नीति पर आयोजित एक राष्ट्रीय विचार गोष्ठी में केंद्रीय वाणिज्य उद्योग और कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि अपनी विदेश व्यापार नीति के माध्यम से भारत ने एक स्थायी नीति से संबंधित प्रणाली उपलब्ध कराने पर जोर दिया है, जो हमारे निर्यातक समुदाय के लिए एक भरोसा और निरंतरता से संबंधित उपाय साबित हुआ है। आनंद शर्मा ने कहा कि नई नीति के माध्यम से नए बाजारों तक पहुंचना कायम हुआ है, घरेलू खरीद से संबंधित प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाया गया है।
बाजार विविधीकरण के मूल विषय पर चर्चा को जारी रखते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमरीका में भारत का निर्यात 188 अरब अमरीकी डॉलर मूल्य का था, जो कुल निर्यात का 62 प्रतिशत था, जो वास्तव में एक महत्वपूर्ण विकास है। उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार नीति पर इस वर्ष के वार्षिक अनुपूरक में विभिन्न योजनाओं के अधीन 14 नये बाजार जोड़े गये हैं। उन्होंने कहा कि ब्याज पर वित्तीय सहायता और इसके दायरे में विस्तार लाने के फैसले का उद्योगजगत ने स्वागत किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 तक व्यापार को दोगुना करना भारत का लक्ष्य है, किंतु उन्होंने बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता व्यक्त की। पाकिस्तान के साथ व्यापारिक गतिविधियों के बारे में चर्चा करते हुए शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ एक सुविचारित योजना पर काम किया गया है और एक वर्ष से कम समय में ही हालात बेहतर हुए हैं। इस दौरान आनंद शर्मा ने हाल में घोषित विदेश व्यापार नीति से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर उद्योग जगत से जुड़े लोगों के प्रश्नों के उत्तर दिये।