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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने भारत को ब्रिक्स का पहला संभावित डगमगाने वाला देश होने की एसएंडपी की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वर्तमान स्थिति पर सरकार की पकड़ मजबूत है और उन्हें पूरा भरोसा है कि आने वाले महीनों में भारत का विकास परिदृश्य करवट लेगा। वित्तमंत्री, भारत को ब्रिक्स का पहला संभावित डगमगाने वाला देश होने की एसएंडपी की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट नये रेटिंग कार्य पर आधारित नहीं है। एसएंडपी ने भारत पर क्रेडिट रेटिंग 25 अप्रैल 2012 को जारी की थी, जिसमें उसने भारत की दीर्घावधि संप्रभु क्रेडिट रेटिंग बीबीबी (-) तय की थी, जबकि भारत का परिदृश्य बदला है और ये नकारात्मक से स्थिर हो गया है। उन्होंने कहा कि एसएंडपी की हाल की रिपोर्ट में यह सुझाव है कि संभावित धीमी विकास दर और आर्थिक मोर्चे पर झटकों को लेकर सरकार की प्रतिक्रिया ही भारत की निवेश ग्रेड क्रेडिट रेटिंग को स्थिर रखने में मुख्य कारण रही।
वित्तमंत्री ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारत की अर्थव्यवस्था पर फिर से विश्वास जताया है और वर्तमान कैलेंडर वर्ष (9 जून 2012 तक) के पहले पांच महीनों में 12 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया है, जबकि पिछले पूर्ण कैलेंडर वर्ष यानि 2012 में एफआईआई का कुल निवेश 8.3 बिलियन अमरीकी डॉलर था। मुखर्जी ने बताया कि वित्त वर्ष 2011-12 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह में वृद्धि हुई। यह 2010-11 के 34.8 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 2011-12 में बढ़कर 46.8 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई। उन्होंने बताया कि 2011-12 की अंतिम तिमाही के प्रदर्शन में व्यापार जगत में भी कोई प्रतिकूल माहौल नहीं है। वित्तमंत्री ने कहा कि यह सभी कारण घरेलू विकास को गति देने में मदद करेंगे।