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लखनऊ। संसद में लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट रखे जाने के बाद उत्तर प्रदेश में बढ़ती कथित संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्यमंत्री मायावती ने शांति व्यवस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिए केंद्र सरकार से विशिष्ट सूचनाएं उपलब्ध कराने और राज्य की कानून-व्यवस्था सम्बन्धी समस्याओं से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में आरएएफ कम्पनियों की तैनाती करने का अनुरोध किया है। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि अयोध्या में विवादित परिसर की यथास्थिति बनाये रखने और वाराणसी और मथुरा के विवादित परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि वर्ष 1992 में अयोध्या में राम जन्म भूमि/ बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराये जाने की घटना के बाद गठित लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट को लोक सभा/राज्य सभा के पटल पर रखे जाने के बाद राजनीतिक गतिविधियां काफी बढ़ गईं हैं और इस सम्बन्ध में विभिन्न संगठनों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। परिणामस्वरूप सम्पूर्ण प्रदेश, विशेष रूप से अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और राजधानी लखनऊ में धीरे-धीरे संवेदनशीलता बढ़ती जा रही है।
इस परिप्रेक्ष्य में यह आवश्यक है कि स्थिति पर सतर्क दृष्टि रखी जाए। प्रदेश के प्रशासनिक और अभिसूचना तन्त्र को सतर्क कर दिया गया है, किन्तु केंद्रीय अभिसूचना एजेन्सियों से इस सम्बन्ध में अभी तक कोई विशिष्ट 'इनपुट' प्राप्त नहीं हो रहा है।
अयोध्या की घटना 6 दिसम्बर को घटित हुई थी और 6 दिसम्बर को विभिन्न संगठन विजय दिवस/काला दिवस के रूप में मनाते हैं। इसके अलावा 28 दिसम्बर को मोहर्रम भी मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री मायावती ने डा इस्माइल फारूकी और अन्य बनाम केंद्र सरकार और उच्चतम न्यायालय दिनांक 24 अक्टूबर 1994 को पारित आदेश की ओर विशेष रूप से चिदम्बरम का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा है कि अयोध्या में विवादित परिसर की यथास्थिति बनाये रखने का पूर्ण दायित्व केंद्र सरकार का है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में अयोध्या में विवादित परिसर में यथास्थिति बनाये रखना आवश्यक है, इसके साथ-साथ वाराणसी में काशी विश्वनाथ मन्दिर/ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा स्थित कृष्ण जन्म भूमि मन्दिर/शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में भी सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ रखना आवश्यक है। मुख्यमंत्री मायावती ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से वाराणसी और मथुरा में विवादित परिसरों की सुरक्षा के आवश्यक प्रबन्ध कर रही है।