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साओ पोलो। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग एवं कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा के नेतृत्व में मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, फिक्की (भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य परिसंघ) के नेताओं और दवा कंपनियों का एक प्रतिनिधिमंडल 13 व 14 जून को दो दिन के दौरे पर साओ पोलो गया था। आनंद शर्मा ने दवाओं पर एक गोलमेज बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर आनंद शर्मा ने कहां की सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध करने के लिए भारत और ब्राजील पहले से जारी अपने सहयोग को और मजबूत करेंगे। उन्होंने ब्राजील की कंपनियों को भारत के राष्ट्रीय आधारभूत संरचना, विशेष आर्थिक क्षेत्रों में उत्पादन और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
सड़क, बंदरगाह, हवाई अड्डों तथा राजमार्गों के निर्माण के लिए आधारभूत संरचना के क्षेत्र में अगले पांच वर्ष के दौरान भारत की एक ट्रिलियन डॉलर की निवेश की योजना है। आनंद शर्मा ने जोर देकर कहां की सस्ती दवाएं उपलब्ध करने के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग प्रणाली के टीआरआईपी (ट्रेड रिलेटेड एस्पेक्ट ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी) के प्रावधानों को विकासशील तथा अर्द्ध विकसित देशों में लागू किया जा चुका है और इसका उपयोग इन देशों में विकसित देशों की तुलना में ज्यादा किया जाता है। भारत में इस साल मार्च में हैदराबाद स्थित नैटको को जनहित में पेटेंट धारक कंपनी बेयर कॉर्पोरेशन द्वारा ली जा रही कैंसर की दवा नक्सावार की कीमत से 30 गुणा कम कीमत पर विपणन के लिए उचित प्रक्रिया अपना कर उत्पादन करने को कहा गया है।
गोल मेज वार्ता के दौरान भारतीय दवा कंपनियों ने विकसित देशों में नियामक संस्था की स्वीकृति मिली होने के बावजूद विभिन्न परीक्षणों की आवश्यकता, ब्राजील में उत्पादों के रजिस्ट्रेशन, आयात लाइसेंस व पत्तनों पर आए समानों को स्वीकृति आदि के मुद्दे उठाए। कंपनियों ने कहा की ब्राजील में इस बात के लिए जोर डाला जाता है कि दवाओं के निर्माण में भारत से आयात किये गये सस्ते मॉलीक्यूल्स के बजाए वहां के मॉलीक्यूल्स को इस्तेमाल किया जाए, जो कि काफी महंगा होता है। वार्ता में ब्राजील की तरफ से कहा गया की भारतीय कंपनियों की तरह ही ब्राजीलियाई कंपनियों को भी भारत में अनेक समस्यों का सामना करना पड़ता है। इन मुद्दों की पहचान करके उनके हल ढूंढने और दवा उत्पादन में दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग बढ़ाने के लिए भारत के उद्योग स्तरीय एक कार्य समूह गठित करने के विचार से ब्राजील ने सहमति जताई है।
भारत और ब्राजील के व्यापार और उद्योग जगत की प्रसिद्ध हस्तियों को संबोधित करते हुए शर्मा ने व्यापार, निवेश, रक्षा, तकनीकी सहयोग, शिक्षा, आपसी विनिमय, संस्कृति और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के अवसरों का खुलासा किया। उन्होंने सीईओ फोरम की सहज शुरूआत और इस फोरम के भारतीय और ब्राजील के अध्यक्षों की पहली बैठक का भी स्वागत किया। साओ पोलो में आनंद शर्मा ने एफआईईएसपी-सीआईईएसपी (साओ पोलो राज्य उद्योग संघ-केंद्र) के नेतृत्व से मुलाकात के दौरान भारत और ब्राजील व्यापार उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को औषधीय गोलमेज सभा में संबोधित किया। उन्होंने ब्राजील के विदेश मंत्री, राजदूत एंटोनियो पेट्रियोटा से रियो डी जिनेरियो में मुलाकात के दौरान अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक स्थिति, यूरो-जोन संकट और इसका दोनों देशों पर प्रभाव, दक्षिण-दक्षिण सहयोग मजबूत करने की आवश्यकता और दोहा वार्ता सहित व्यापार मुद्दों पर विचार विमर्श किया। उन्होंने सीईओ फोरम के संविधान और अवसंरचना, सूचना प्रौद्योगिकी और सेवाएं, खनन और कृषि जैसे क्षेत्रों में क्षेत्रवार वार्ता स्थापित करने में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
द्विपक्षीय मुद्दों-ब्राजील और भारत के बढ़ते हुए आर्थिक और व्यापारिक संबंध, आईबीएसए, बीआरआईसीएस और जी-20 में दोनों देशों की भागीदारी और आपसी संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाने की व्यापक संभावना पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। आनंद शर्मा ने अपने शिष्टमंडल के साथ राष्ट्रीय विकास बैंक के अध्यक्ष डॉ लुसियानो काओटिन्हो से मुलाकात की और बीएनडीईएस और एक्सिम बैंक के मध्य अंतर-बैंक सहयोग, ब्रिक्स बैंक के प्रस्ताव और ब्रिक्स देशों के मध्य स्थानीय मुद्रा में व्यापार अनुबंध तथा भारत और ब्राजील के मध्य संयुक्त उपक्रमों के वित्तीय प्रंबंध में बीएनडीईएस की भूमिका के बारे में विचार-विमर्श किया।