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दुनिया बचानी है तो अभी कदम उठाओ!

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नई दिल्‍ली।दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रदर्शित किए गए एडवरटिजमेंट में कोपेनहेगन से आने वाले यात्रियों को बूढ़े हो चुके दुनिया के उन कई नेताओं के दृश्‍य से रूबरू करवाया गया है जो समय रहते दुनिया को बचाने और जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए आवश्‍यक कदम नहीं उठाने के लिए शर्मसार हो रहे थे। विज्ञापन में भारत के भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी यह कहते नजर आए कि अगर संभव होता तो दुनिया बचाने के लिए वे स्‍वयं कोपेनहेगन जाते। अमरीका के राष्‍ट्रपति बराक ओबामा और फ्रांस के राष्‍ट्रपति निकोलस सरकोजी को दुनिया के अन्‍य लीडरों सहित दिखाया गया है जब वे वर्ष 2020 में बूढ़े हो चुकेंगे। साथ में लिखा था- हमें अफसोस है कि हम जलवायु परिवर्तन के महाविनाश से दुनिया को बचा सकते थे पर हमने ऐसा नहीं किया, साथ ही यह संदेश भी लिखा था 'कदम उठाओ, भविष्‍य बचाओ।'
यह
एडवरटिजमेंट ग्रीनपीस और टिकटिक कैम्‍पेन की ओर से प्रदर्शित किया गया था ताकि ये नेता कोपेनहेगन में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में कटौती के लिए एक राजनैतिक प्रतिबद्धता वाला समझौता करें। ग्रीनपीस के पब्लिक इंगेजमेंट ग्रुप ने देश में अम्‍बेडकर और गांधीजी की मूर्तियों के पास यह संदेश लगाया कि अगर संभव होता तो दुनिया बचाने के लिए हम स्‍वयं कोपेनहेगन जाते। इस संदेश ने सभी को यह सोचने को मजबूर किया कि कोपेनहेगन में दुनिया के भविष्‍य के बारे में समझौता होने जा रहा है।
'अगर
ओबामा, सरकोजी, मार्कल और ब्राउन सरीखे नेताओं ने इस शिखर वार्ता में आवश्‍यक कदम नहीं उठाये तो दुनिया के लाखों लोग विस्‍थापित होकर भूखों मरेंगे और काल के गर्भ में समा जाएंगे। दुनिया को यदि इस कठोर परिदृश्‍य से दो-चार होना पड़ता है तो यह बहुत ही अफसोसनाक होगा। ग्रीनपीस के अंतर्राष्ट्रीय महानिदेशक एवं टि‍कटिक कैम्‍पेन के चेयरमैन कुमी नाइडू ने कहा कि 'अभी समय है जब हम जलवायु परिवर्तन रोक कर दुनिया को बचा सकते हैं, अगले वर्ष या उसके अगले वर्ष ऐसा करना संभव नहीं होगा, अगर इसे रोकना है तो वैश्विक उत्‍सर्जन 2015 तक बढ़ने से रोकना होगा।'
कोपेनहेगन
की सफलता के लिए जरूरी है कि वहां एक वचनबद्ध समझौता हो जिसमें विकसित देश अपने उत्‍सर्जन में वर्ष 1990 के स्‍तर से 40% कटौती करें, वर्ष 2020 तक वनों की कटान और वन क्षरण पर पूरी तरह लगाम कसी जाए, विकसित राष्‍ट्र विकासशील देशों को हरित तकनीकें अपनाने के लिए 140 बिलियन डालर प्रतिवर्ष दें। 'हमारे इस संदेश को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा। जबसे कोपेनहेगन शिखर वार्ता शुरू होती है तब से उसके समाप्‍त होने तक हम सभी को अपनी बात पहुंचायेंगे, अब समय आ गया है कि बराक हुसैन ओबामा बातें करना बंद करके सतही कार्यवाही करना शुरू करें' नाइडू ने कहा।

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