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नई दिल्ली। खान राज्य मंत्री दिनशा जे पटेल की अध्यक्षता में भू-विज्ञान सलाहकार परिषद (जीएसी) की दूसरी बैठक हुई। राज्य मंत्री ने आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले खनिज संसाधनों के महत्व पर बल दिया। राज्य मंत्री ने समाज के कल्याण के लिए बेहद आवश्यक जल की कमी पर चिंता जाहिर की और कहा कि भू-विज्ञान समुदाय को अतिरिक्त जल संसाधनों को उपलब्ध करने की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय को गहरे पैठे खनिज पदार्थों की खोज के लिए भी प्रोत्साहित किया। परिषद के सदस्यों को संदर्भ शर्तों पर चर्चा करने और देश में भूविज्ञानी गतिविधियों के लिए अभिनव सुझावों को प्रस्तुत करने को भी कहा।
खान सचिव विश्वपति त्रिवेदी ने मनुष्यों के लाभ के लिए भू-विज्ञान की उन्नति के लिए विभिन्न भूवैज्ञानिक गतिविधियों में कार्यरत वैज्ञानिक समुदाय को एक मंच पर लाने की प्रासंगिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के मंत्रालयों, संस्थानों, विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्रों के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी अथवा सहयोगात्मक प्रबंध की संभावनाओं को तलाशना जीएसी के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। उन्होंने अनुसंधान और विकास, डाटा प्रबंधन और साझेदारी, पर्यावरण, खनिज संसाधनों का संवर्धन और लोगों के बीच भू-विज्ञान को लोकप्रिय बनाने जैसे मुद्दों पर बल दिया।
भू-विज्ञान सलाहकार परिषद खान मंत्रालय और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण को पृथ्वी विज्ञान से संबंधित मुद्दों पर सलाह देने वाली सर्वोच्च नीति नियोजन मंच है। जीएसी के अधिदेश को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए इसके संदर्भ शर्तों के विषय में डॉ एके सिंघवी, प्रोफेसर मिहिर देब, प्रोफेसर एसके टंडन, डॉ अनुपेंदु गुप्ता और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधियों ने अपने विशेषज्ञ सुझाव जाहिर किए।