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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि नगरों के सुनियोजित विकास में विकास प्राधिकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए उन्हें नागरिकों को अच्छी अवस्थापना सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ बेहतर कार्य संस्कृति विकसित करनी होगी, ताकि लोगों के काम आसानी से हो सकें। नगरों में निर्बल वर्गों तथा कम आय के लोगों के लिए अनिवार्य रूप से मकान बनाने को कहते हुए उन्होंने इंटीग्रेटेड टाउनशिप परियोजनाओं में भी नियमानुसार इन वर्गों के लिए आवास बनवाने की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने प्राधिकरणों को अपना लैंड बैंक बनाने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री योजना भवन में आवास विकास परिषद तथा समस्त विकास प्राधिकरणों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों को मकानों का नक्शा पास कराने तथा भवन निर्माण से जुड़ी विभिन्न सेवाओं को लेकर कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने लापरवाह कर्मियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई किये जाने के निर्देश देते हुए विकास प्राधिकरणों को अपनी प्राथमिकता तय करने की बात कही। अखिलेश यादव ने कहा कि विकास प्राधिकरण अपने शहरों में अच्छा कार्य कर लोगों को बेहतर सुविधा तथा पर्यटन को बढ़ावा देने में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण को रामगढ़ ताल के सौन्दर्यीकरण एवं विकास तथा इसमें गिर रहे सीवर को रोकने का काम करना चाहिए, चित्रकूट विकास प्राधिकरण को कामथगिरि पर्वत परिक्रमा मार्ग का सुदृढ़ीकरण कर अपने नागरिकों तथा पर्यटकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने जल की उपलब्धता की चर्चा करते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण समस्या है, जिसके लिए सभी प्राधिकरणों को अपने स्तर से प्रयास करने होंगे। वर्षा जल संचयन (रेन वाटर हार्वेस्टिंग) प्रोजेक्ट कुछ शासकीय भवनों पर निःशुल्क लगाये जा सकते हैं। इससे अन्य नागरिकों को भी जल संचयन के लिए प्रेरित किया जा सकता है। उन्होंने प्राधिकरणों को वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में सोलर लाइट्स व सोलर वाटर हीटिंग संयत्र लगाये जाने पर भी बल दिया। इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ-2013 की जो परियोजनाएं प्राधिकरण संचालित कर रहा है, उन्हें समय से तथा गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाये। उन्होंने आगाह किया कि यह एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का आयोजन है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, वे स्वयं मौके पर निरीक्षण करेंगे। उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि वे इलाहाबाद नगर की सड़कों, चौराहों के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण तथा चौराहों पर हाईमास्ट लगाये जाने सहित सभी 156 परियोजनाओं की प्रत्येक 15 दिन पर समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री ने मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के कार्यों की जानकारी प्राप्त करते हुए मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि वे प्राधिकरण के विकास कार्यों के अलावा आगामी मुड़िया पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले मेले के संबंध में की गई तैयारियों की भी शीघ्र समीक्षा करें। उन्होंने कानपुर विकास प्राधिकरण को मंधना-भौती बाईपास बनाने, ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर ले जाने तथा रिवर फ्रंट आदि पूर्व निर्देशित योजनाओं पर कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिये। उन्होंने आगरा में प्रस्तावित इनर रिंग रोड के लिए मुख्य सचिव को समीक्षा करने के भी निर्देश दिये। इसके अलावा आगरा में एक पार्क का निर्माण कराने तथा आईटी पार्क विकसित करने के भी निर्देश दिये। इसी प्रकार मेरठ में इनर रिंग रोड बनाने तथा ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर ले जाने की परियोजना पर शीघ्र कार्य शुरू करने के लिए भी कहा।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण 100 एकड़ में फैली हसनपुर झील (लेक) के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 के चौड़ीकरण तथा गरीबों एवं कम आय के लोगों के लिए आवास बनाने को प्राथमिकता दें। बैठक में उपाध्यक्ष, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने बताया कि गाजियाबाद को मेट्रो से जोड़ने के लिए काम किया जा रहा है। इसी प्रकार यातायात के दबाव को कम करने के लिए दिल्ली को जोड़ने वाले तीनों राष्ट्रीय राजमार्गों को रिंग रोड से जोड़ा जाएगा।
बरेली नगर को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिये नैनीताल तथा बंदायू रोड स्थित रेल ट्रैक पर उपरिगामी सेतु बनाने तथा सहारनपुर में नगर की कुछ मुख्य सड़कों के चौड़ीकरण के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने मुरादाबाद में मेडिसिनल/हर्बल पार्क की स्थापना, वाराणसी में ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना, रायबरेली में पर्यटन सुविधा विकसित करने तथा झांसी में आधुनिक हाट की स्थापना के साथ-साथ मुजफरनगर में ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना तथा बांदा में कलिंजर किले के आस-पास के क्षेत्रों का पर्यटन की दृष्टि से विकास करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कुशीनगर में सड़क निर्माण के लिए प्राधिकरण को धन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को प्रस्तावित योजनाओं पर प्राथमिकता से काम करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) परियोजना को तेजी से अमल में लाने के लिये सभी औपचारिकताओं को पूरा किया जाए। उन्होंने डालीगंज, पुरनिया तथा अर्जुन गंज से पहले प्रस्तावित आरओबी तथा आईटी चौराहे पर प्रस्तावित ओवर ब्रिज के कार्य भी शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिये। इसी प्रकार जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम तथा जनेश्वर मिश्र लखनऊ पार्क के संबंध में अब तक हुई प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए, इन पर समयबद्ध कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कुड़िया घाट से गोमती बैराज तक रिवरफ्रंट विकास परियोजना की प्रगति की जानकारी भी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने बुलंदशहर, हापुड़-पिलखुआ, फैजाबाद, फिरोजाबाद, उन्नाव, शक्तिनगर आदि विकास प्राधिकरणों के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि विकास प्राधिकरणों को केवल योजनाएं ही प्रस्तावित नहीं करनी चाहिए, बल्कि उन पर तेजी से अमल करता हुआ भी दिखना चाहिए। उन्होंने आवास विकास परिषद के कार्यों की समीक्षा करते हुए गाज़ियाबाद स्थित दिल्ली-सहारनपुर रोड योजना तथा लखनऊ स्थित अवध विहार योजना का विकास तेजी से कराने के निर्देश दिये। बैठक में प्रोटोकाल राज्यमंत्री अभिषेक मिश्रा, मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव आवास विभाग शंभू नाथ शुक्ला, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित सभी प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।