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नई दिल्ली। असम राइफल्स के तीसरे दस्ते ने बुधवार को हैती के लिए प्रस्थान किया। इस दस्ते में 10 अधिकारी और 150 जवान शामिल हैं। कमांडेट आरसी कोठारी इस टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे हैं। इस अवसर पर असम राइफल्स के कार्यकारी महानिदेशक मेजर जनरल आरके लखनपाल ने अपने उत्साहवर्धक संबोधन के बाद इस दस्ते को कूच की विदाई दी। उल्लेखनीय है कि हैती में 2010 में आए विनाशकारी भूकंप में संयुक्त राष्ट्र के 160 शांतिकर्मियों सहित 2.2 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। वहां जारी पुनर्निर्माण के कार्य में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
भारत सरकार ने 2010 से हैती में पांच वर्ष के लिए असम राइफल्स की सेवाएं प्रदान करने की स्वीकृति दी थी। इन दस्तों को बारी-बारी से एक-एक वर्ष के लिए भेजा जाता है। असम राइफल्स का पहला दस्ता 2010 में हैती गया था, जहां उसे संयुक्त राष्ट्र पुलिस आयुक्त और क्यूबा डोमिनिकन गणराज्य तथा हैती में भारतीय राजदूत ने इकाई प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। यह बल हैती में सरकारी संस्थानों और कानून को सशक्त बनाने के वास्ते राजनीतिक प्रक्रिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हैती में सुरक्षित और स्थिर वातावरण की बहाली के संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम को पूरा करेगा। भारत के अलावा 41 अन्य देशों ने भी हैती में संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना कार्यक्रम के लिए अपने जवानों को तैनात किया है।