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नई दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने 67.6 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए हैं। यह राशि बिहार राज्य में कृषि को बढ़ावा देने के लिए व्यवहारिक और संस्थागत संपर्क सुधारने पर खर्च की जाएगी। इससे बिहार के मुजफ्फरपुर और पटना-नालंदा क्षेत्रों में कृषि मूल्य श्रृंखलाओं का विस्तार किया जाएगा और छोटे किसानों का संसाधकों, कृषिगत-व्यापारिक उद्यमियों और सेवा प्रदाताओं के साथ बेहतर संपर्क स्थापित करने में सहायता मिलेगी।
यह राशि बिहार और महाराष्ट्र के चुनिंदा क्षेत्रों में कृषिगत व्यापारिक अवसंरचना में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए एडीबी बोर्ड से सितंबर 2010 में अनुमोदित कृषिगत व्यापारिक अवसंरचना विकास के निवेश कार्यक्रम के अधीन 170 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण की पहली किस्त है। इससे किसानों, व्यापारियों और मूल्य, श्रृंखला के अन्य हितधारकों की अपने उत्पादों और संसाधनों का सुधार करने में सहायता मिलेगी, वे प्रतिस्पर्द्धी बन सकेंगे और बाजार में होने वाले परिवर्तनों के अनुसार अपने को ढाल सकेंगे।
परियोजना का मुख्य कारक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) है, जो समंवित मूल्य श्रृंखलाओं का डिजाइन, निर्माण, वित्त-पोषण और संचालन करेगा। इस कार्यक्रम से किसानों, भूमिहीन गरीबों और महिलाओं को रोजगार के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराकर रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे। ऋण के इस दस्तावेज पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव (बहुपक्षीय संस्थान) वेणु राजामणि ने और एडीबी की ओर से भारत के लिए कंट्री डायरेक्टर हुन किम ने हस्ताक्षर किए। परियोजना समझौते पर बिहार सरकार की ओर से सचिव (कृषि) डॉ एन विजय लक्ष्मी ने हस्ताक्षर किए।