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नई दिल्ली। रेलवे स्टेशनों में रेलवे बुकिंग कार्यालयों पर सिक्का उपलब्ध कराने वाली मशीनें (सीवीएम) लगाई जाएंगी। इस विषय पर विस्तृत मार्ग-निर्देश सभी रेलवे अंचलों को भेज दिए गए हैं। इन मार्ग-निर्देशों के अंतर्गत पहला विकल्प भारतीय स्टेट बैंक को तत्पश्चात् पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को मौका दिया जाएगा। इस योजना के नियमों तथा शर्तों के अनुसार रेलवे ऐसी मशीनें लगाने के लिए स्थान मुहैया कराएगा, जिसके लिए नाममात्र की एक समय लाइसेंस फीस एक रूपए होगी। इसके साथ ही बिजली बिना लागत के दी जाएगी। नजदीकी मुख्य आपूर्ति बिंदु से मशीन तक बिजली की वायरिंग सेवा प्रदाता लगाएगा, जिसे एमसीबी से संरक्षित किया जाएगा।
रेलवे मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि शुरू में ये मशीनें तीन वर्षों की अवधि के लिए लगाई जाएंगी। मशीनें लगाए जाने के स्थान का निर्धारण संबंधित रेलवे डिवीजनों द्वारा किया जाएगा। ए-1 श्रेणी के स्टेशनों के प्रत्येक बुकिंग कार्यालयों पर अधिकतम चार मशीनें तथा अन्य श्रेणी के स्टेशनों पर अधिकतम दो मशीनें प्रत्येक बुकिंग कार्यालयों पर लगाई जाएंगी। मशीनों का रख-रखाव बैंक अपनी लागत पर करेंगे। बैंक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि हमेशा मशीनों में अपेक्षित राशि के सिक्के उपलब्ध रहें। सिक्कों की कमी होने तथा रख-रखाव की आवश्यकताओं हेतु बैंक अपने संपर्क अधिकारी के नाम का भी उल्लेख करेंगे। बैंक के नाम और लोगो के अलावा मशीनों पर विज्ञापन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मशीनें ऐसे स्थान पर लगाई जानी चाहिएं, जिससे कि यात्रियों की आवाजाही में रुकावट न पड़े।