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कम सुनने वाले बच्चों की प्रतिभा सामने आई

एनवीआरआई का रोज़गारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम

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प्रशिक्षण कार्यक्रम-training programme

लखनऊ। सीएसआईआर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ ने सेंट फ्रांसिस स्कूल फार हियरिंग इंपेयर्ड ठाकुरगंज लखनऊ में 19 जुलाई को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया, जो जैव प्रौद्योगिकी बायोटेक्नोलॉजी विभाग नई दिल्ली से वित्त पोषित है। एनवीआरआई के निदेशक डॉ चंद्रशेखर नौटियाल के निर्देशानुसार इस कार्यक्रम में कम श्रवण क्षमता वाले विद्यार्थी, सुखाए गए फूलों से उपहार में दी जाने वाली वस्तुएं तथा कार्ड आदि बनाना सीखने आए, जो रोज़गारपरक है तथा यह भविष्य में उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनाएगा। पचास से ऊपर बच्चों तथा टीचर्स ने कार्यक्रम में सह्भागिता की तथा मन लगाकर यह तकनीक सीखने की इच्छा जताई।
संस्थान के वैज्ञानिक कमला कुलश्रेष्ठ ने प्रतिभागियों को संबोधित कर इस कार्यक्रम के आयोजित किए जाने की तथा विद्यार्थियों की सराहना की। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ जेके जौहरी ने संस्थान के इसी प्रकार के कार्यक्रमों के विषय में चर्चा की। यह कार्यक्रम पर्यावरण तथा साहित्य के प्रति समर्पित संस्था शाश्वत जिज्ञासा के सहयोग से आयोजित किया गया। इसमें सितांशु कुमार तथा सहयोगियों ने तन-मन से भाग लिया। बहुत से विद्यार्थी ऐसे थे, जिनमें सुन सकने की क्षमता बिल्कुल भी नहीं थी, लेकिन सबसे आकर्षक कार्ड उन्होंने ही बनाए।
कार्यक्रम में इसी स्कूल के कुछ शिक्षक तथा कुछ विदेशी प्रतिभागी भी शामिल रहे। निशिका, सदफ़, ज्योति, वजीहा, सुधा, निशा, तरन्नुम, तबस्सुम, दिव्य, रागिनी, चंदा, बुशरा, रोमी, डॉली, रोशनी, अमन, विशाल, अनुज, अंशू, राहुल, आमिर, अभिषेक, जीतू, रामू, रामचंदर, प्रदीप, अमित तथा प्रकाश ने प्रमुख रूप से भाग लिया।

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