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लखनऊ। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने पुस्तक प्रकाशन में एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा प्रारंभ किया है। यह कार्यक्रम इच्छुक व्यक्तियों के लिए प्रकाशन व्यवसाय में स्वरोज़गार अपनाने के अवसर प्रदान करेगा। प्रकाशन क्षेत्र से जुड़े व्यवसायिकों के लिए भी प्रकाशन के विभिन्न पहलुओं में दक्षता उन्नयन एवं दक्षता अधिग्रहण करने में इसकी उपयोगी सिद्ध होगी।
इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डॉ मनोरमा सिंह ने बताया कि पुस्तक प्रकाशन के क्षेत्र में अनेक परिवर्तन आए हैं और वर्तमान में कोई भी इस प्रकार का पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं है, जो विद्यार्थिंयों एवं व्यवसायिकों को इस क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करे। इग्नू ने एक वर्षीय स्नातकोत्तर डिप्लोमा पुस्तक प्रकाशन में विकसित किया है, जो विद्यार्थिंयों को विशेष संपादन, कॉपी संपादन और ऑनलाइन प्रूफ पठन, वितरण एवं प्रकाशन के विभिन्न क्षेत्रों में विपणन दक्षता प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त इस पाठ्यक्रम में प्रकाशन से जुड़े न्यायिक पहलुओं, उत्पादन एवं प्रकाशन क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों पर विशेष चर्चा की जाएगी। विद्यार्थिंयों को बच्चों के लिए पुस्तकों का संपादन, वैज्ञानिक तकनीकी और चिकित्सा पुस्तकों को संपादन, पाठ्य पुस्तकों के संपादन में किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने का विकल्प प्रदान किया जाएगा।
इस कार्यक्रम का एक अनूठा पहलू है कि विद्यार्थिंयों को प्रकाशन स्थल पर एक माह का प्रशिक्षण/अप्रेंटिसशिप करना होगा, जिसके दौरान उन्हें कुछ राशि भी वजीफे के रूप में दी जाएगी। यह प्रशिक्षण भारतीय प्रकाशक संघ के तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा, जिसके साथ इग्नू का समझौता है और प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर प्रशिक्षु को इग्नू एवं एफआईबी से एक संयुक्त प्रमाण पत्र दिया जाएगा। डॉ सिंह ने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम मात्र जुलाई सत्र में संचालित किया जाएगा। किसी भी विशेष स्नातक व्यक्ति, जिसे अंग्रेजी एवं वर्ड प्रोसेसिंग का ज्ञान हो, इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकता है। प्रवेश आवेदन पत्र, इग्नू के क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ एवं अन्य अध्ययन केंद्रों पर उपलब्ध हैं। जुलाई सत्र में प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 30 जुलाई 2012 है। आवेदन इग्नू की वेबसाईट www.ignou.ac.in से भी ऑनलाइन किया जा सकता है।