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'दोस्तों शक दोस्ती का दुश्मन है...'

'काका' की अंतिम विदाई नहीं भूल रहे फैन

भाग्यश्री काले

भाग्यश्री काले

राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया-rajesh khanna and dimple kapadia

मुंबई। नैनं छिंदंति शस्‍त्राणि नैनं दहती पावकः। अर्थात आत्मा को न किसी शस्‍त्र से छेदा जा सकता है और न आग से जलाया जा सकता है। भारतीय सिनेमा के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना 'काका' को मुंबई में शमशान पर उनके नाती आरव के हाथ में चिता की अग्नि थमाने वाले डोम और कर्मकांडी पंडित ने शोकाकुल परिवार और शुभचिंतकों को ढाढस बंधाने वाला यह जग प्रसिद्ध सत्य सुनाया। मुखाग्नि के बाद देखते-देखते राजेश खन्ना चिता के लपटो में विलीन हो गए। कैंसर से घिरे इस महानायक की अंतिम विदाई उनके परिवार और चाहने वालों के लिए बेहद दर्दभरी थी, जो आज भी सबके ज़ेहन में है।
फिल्म जगत, राजनीतिक, सामाजिक, कारपोरेट, कला और देश-दुनिया की ओर से याद कर-करके राजेश खन्ना को श्रद्धां‌जलि देने का सिलसिला जारी है और मुंबई में ही नहीं बल्कि देश-विदेश के अन्य भागों में भी, फिल्मों में उनके योगदान के लिए याद किया जा रहा है। पंजाब में उनके पैतृक स्‍थान के लोग शोकाकुल हैं तो मुंबई भी कम शोकमग्न नहीं है। उनके निधन का शोक हर दिल पर बरपा है। राजेश खन्ना के बंगले आर्शीवाद के बाहर उन पर सदा जान छिड़कने वालों की भीड़ की आज भी आवाजाही है। हर कोई उनके निजी एवं फिल्मी जीवन की यादें बांट रहा है और सुना रहा है कि काका ने संघर्ष के उस दौर में भारतीय सिनेमा को बुलंदियों पर कैसे लाकर खड़ा किया।
राजेश खन्ना की इस कीर्ति के साथ अनेक विवाद और अपवाद भी चल रहे हैं। उनका निजी जीवन बड़ा ही विस्फोटक था, जो फिल्म जगत में हमेशा चर्चा में रहा है। भारतीय सिनेमा में एक ज़माने की सनसनी डिंपल कपाड़िया और राजेश खन्ना दो ऐसे नाम हैं, जो हमेशा किसी न किसी बात पर कभी तो रोज-रोज चर्चा और विवाद में रहे हैं। राजेश खन्ना की भारतीय फिल्म जगत के पहले सुपर स्टार होने और उनकी सफलताओं की आज जितनी बात हो रही है, उतनी ही चर्चा उनके निजी जीवन की भी है, जिसमें उन्होंने युवक-युवतियों में रोमांस को चरम तक पहुंचाया। नए अंदाज़ में प्रेम का पाठ पढ़ाया यानी प्यार की नई कहानियां गढ़ीं। पति-पत्नि के रिश्तों को उन्होंने फिल्म जगत का तूफान बना दिया। वे कितने अहंकारी और शक्की थे और निर्माता, निर्देशकों को अपनी उंगलियों पर नचाते थे, वे दयालु भी बहुत थे और जिंदादिल भी, पर बॉलीवुड के इस पहले महानायक के निजी जीवन में आया तूफान कभी भी नहीं थमा।
कांग्रेस ने एक बार उन्हें उत्तर प्रदेश के कन्नौज लोकसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव के सामने चुनाव लड़ने को कह दिया तो उन्होंने इस परिवार से संबंधों के आधार पर चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया था। राजेश खन्ना का कन्नौज में चुनाव न लड़ने का फैसला कांग्रेस को मानना पड़ा था। वस्तुतः राजेश खन्ना का व्यक्तित्व फिल्मों में भी सच्चाईयों के काफी करीब रहा है। उन्होंने विवादों और लोकापवादों की कभी चिंता भी नहीं की। आरोप भी लगे तो उनसे विचलित नहीं हुए। अपने से आधी उम्र की डिंपल कपाड़िया से विवाह किया तो फिल्मी दुनिया में उनके रोमांस को नया आइडिया कहा गया। इसका शोर भी खूब हुआ। डिंपल से अलगाव हुआ तो भी दुनिया को पता चला कि राजेश खन्ना के घर में ये क्या हो रहा है।
सभी जानते हैं कि राजेश खन्ना की दो बेटियां हैं-ट्विंकल और रिंकी। ट्विंकल की शादी भारतीय फिल्मों के एक्‍शन हीरो अक्षय कुमार से हुई है। कहा जा रहा है कि दामाद अक्षय कुमार ने राजेश खन्ना का उनके खराब दिनों में बहुत साथ दिया है और जहां तक डिंपल कपाड़िया का सवाल है, तो उनका राजेश खन्ना से अलगाव जरूर हुआ, लेकिन वह राजेश खन्ना के बिना रह भी नहीं सकीं। वे जब राजनीति में आए तो डिंपल साए की तरह उनके साथ रहीं। फिल्म जगत में यह बात कही जाती है कि कुछ फिल्म वालों ने भी इन दोनों के जीवन में ज़हर घोलने में कोई कम भूमिका नहीं निभाई, बाकी कसर गॉसिप मसाला वाली मीडिया ने पूरी की। राजेश खन्ना का कई अवसरों पर और अंत समय में भी डिंपल ने जो साथ दिया वह अनुकरणीय तो माना ही जाता है।
वसीयत में 'काका' अपनी करोड़ों रूपयों की संपत्ति अपनी दोनों बेटियों ट्विंकल खन्ना व रिंकी के नाम कर गए हैं। लोकापवादों के परिणामों से अच्छी तरह से वाकिफ और मरने के बाद संभावित संपत्ति विवादों पर विराम लगाते हुए, उन्होंने अलग रह रही पत्नी डिंपल कपाड़िया को अपनी जायदाद से अलग रखा है। उन्होंने वसीयत में निवेश की जानकारी और तमाम बैंक अकाउंट एक्सेस करने का हक अपनी दोनों बेटियों को दिया है। यह वसीयत राजेश खन्ना, डिंपल कपाड़िया, दामाद अक्षय कुमार, कुछ खास दोस्तों और पारिवारिक डॉक्टर दिलीप वालवकर के सामने पढ़ी जा चुकी है, इसलिए समझा जाता है कि इस वसीयत में डिंपल कपाड़िया की पूरी सहमति रही है।
राजेश खन्ना ने कांग्रेस के साथ राजनीति में भी अपने को आज़माया लेकिन उतने सफल नहीं हो सके। राजनीतिज्ञों ने उनका अपने चुनावी फायदों के लिए भी खूब इस्तेमाल किया। पता नहीं ऐसा क्या रहा कि वे शिखर पर पहुंचते और विवादों में चले जाते। पत्नी डिंपल से विवाद और अलगाव उनके निजी जीवन की भारी उथल-पुथल के रूप में याद किया जाता है। अपने समका‌लीन युवक-युवतियों से लेकर आज तक के युवाओं को उन्होंने रोमांस का एक नया रास्ता दिखाया है, जिसकी उनके नाम के साथ हमेशा चर्चा होती है। विवाद, फिल्म, रोमांस, अहंकार और राजनीति उनके जीवन के ये प्रमुख उतार-चढ़ाव हैं, जिनको लेकर राजेश खन्ना सदैव चर्चा में रहे।
मुंबई में उस रोज शमशान पर खड़े दिग्गजों के बीच ये सारी चर्चाएं उनके खास संस्मरणों के साथ हो रही थीं। यहां के पांच सितारा होटल में आयोजित शांति हवन में भी उनके चर्चे चर्चा से नहीं बच सके। राजेश खन्ना के जीवन में जो कुछ हुआ, वह अपने आपमें एक विस्फोटक सच्चाई ही कही जाती है, जिसका प्रदर्शन समाज में आए दिन दिखाई देता है। राजेश खन्ना अपने बचपन की दोस्त कही जाने वाली अनीता आडवाणी के साथ पिछले करीब 10 साल से रह रहे थे। अनीता फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति फर्डिनांड मार्काज की भतीजी है और पिछले कई सालों से वह काका के बंगले में ही आती-रहती थीं।
लीव-इन-रिलेशन के रूप में उनके साथ रहने वाली अनीता आडवाणी ने यह नोटिस भेजकर नई सनसनी फैला दी है कि वह आर्शीवाद बंगले में ही रहेगी। ऐसा लगता है कि राजेश खन्ना के जाने के बाद भी उनसे जुड़े विवादों पर कोई विराम नहीं लगेगा, बल्कि ये नए दावों के साथ और ज्यादा बढ़ सकते हैं। डिंपल ने राजेश खन्ना के साथ जो पत्नीधर्म निभाया, फिल्म जगत में उसका सम्मान किया गया है। राजेश खन्ना आज दुनिया में नहीं रहे हैं, अब देखना है कि डिंपल कपाड़िया हों या उनके दामाद अक्षय कुमार, राजेश खन्ना की विरासत और उनके नाम को आगे और कितना महफूज़ और जिंदा रख पाते हैं।

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