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लंदन। कथा यूके के लिए यह शाम भी बहुत ख़ास शाम थी। वरिष्ठ कवि लीलाधर मंडलोई ने एक शाम कथा यूके और मित्रों के नाम की। वे आजकल ओलंपिक खेलों के सिलसिले में लंदन आए हुए हैं। उनकी कविताओं के रसास्वादन के लिए भारतीय उच्चायोग, लंदन से पद्मजा (प्रेस एवं सूचना प्रथम सचिव), काउंसलर ज़किया ज़ुबैरी, कैलाश बुधवार और उनकी पत्नी, केबीएल सक्सेना, उषा राजे सक्सेना एवं युवा पीढ़ी की दीप्ति शर्मा व चारु स्मिता शामिल थे। शाम का आयोजन हैरो क्षेत्र के “मासा” अफ़ग़ानी रेस्टॉरेंट में किया गया। कथा यूके के महासचिव एवं कथाकार तेजेंद्र शर्मा ने शाम का संचालन किया। लीलाधर मंडलोई ने अपने कविता संग्रह ‘लिखे में दुक्ख’ से छोटी-छोटी कविताएं सुनाईं। मेहमानों का स्वागत ज़किया ज़ुबैरी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन दिया कैलाश बुधवार (अध्यक्ष-कथा यूके) ने किया। उनकी कुछ कविताएं हैं-
जीवन के कुछ ऐसे शेयर थे
बाज़ार में
जो घाटे के थे लेकिन
ख़रीदे मैने
लाभ के लिए नहीं दौड़ा मैं
मैं कंगाल हुआ और ख़ुश हूं
मेरे शेयर सबसे क़ीमती थे।
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यह साधारण घटना नहीं
शर्म की बात है-राम
कि एक स्त्री ने
प्रतिरोध में
धरती की शरण ली।
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ईश्वर क्या है
एक दुकान
कितने धर्मों से
अपना सफल व्यवसाय करता है
ईश्वर का धंधा कभी घाटे में नहीं चलता।