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मुंबई। संस्कृत भारतीय संस्कृति की एकमेव भाषा है, जिसे लोकप्रिय बनाने के प्रयासों के तहत लगातार छठे वर्ष एसएमपीआर स्कूल (गुजराती माध्यम) वीपी रोड, मुलुंड पश्चिम में 4 और 5 अगस्त 2012 को ‘वदतु संस्कृतम् स्पर्धा’ और सेमिनार आयोजित किया जाएगा। आयोजक अर्चना कतीरा ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस स्पर्धा और सेमिनार की पिछले 5 साल की सफलता का श्रेय हर साल भाग लेने वाले एक हजार छात्र-छात्राओं को जाता है। मुंबई में मुलुंड और आसपास से लगभग 35 स्कूलों की सक्रिय भागीदारी के बिना हमारी सफलता संभव नहीं थी। अधिक से अधिक प्रतिभागी इसमें हिस्सा लें, इसलिए हमने मुंबई में छात्र-छात्राओं के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया है। प्रतियोगिता के साथ-साथ आधुनिक दुनिया में माता-पिता के लिए संस्कृत साहित्य पर सेमिनार भी आयोजित किया गया है।प्रतियोगिता 6 समूहों में आयोजित की गई है। प्रत्येक समूह के लिए पाठ्यक्रम पत्र से जुड़ा हुआ है। छात्र ने 'ग्रंथ परिचय' के बारे में केवल संस्कृत में बात करनी है। हर प्रतिभागी को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिये 30 रूपये देकर अपना नाम रजिस्ट्रेशन कराना होगा। प्रत्येक भागीदार को एक सहभागिता प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक वर्ग से सबसे श्रेष्ठ तीन प्रतिभागियों का न्यायाधीश चयन कर उन्हें विशेष पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। न्यायाधीशों का निर्णय अंतिम होगा। सर्वोच्च स्कोर हासिल करने वाले स्कूल को 'ए' शील्ड दी जाएगी। इसका निर्णय अंतिम स्कोर और सहभागिता की संख्या पर निर्भर होगा। मुंबई स्तर पर फाइनल और पुरस्कार वितरण एसएमपीआर स्कूल (गुजराती माध्यम) में 12 अगस्त को आयोजित किया जाएगा।