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देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ अज़ीज़ कुरैशी ने देहरादून में ’तस्मिया ऑल इंडिया एजूकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी’ की ’पवित्र कुरआन’ आधारित दो दिवसीय प्रदर्शनी, पवित्र कुरआन लेखकला के दर्पण में का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में विश्व की सबसे छोटी लॉकिट साइज कुरआन से लेकर मुगल शासक औरंगजेब की अपनी हस्तलिपि में रचित कुरआन सहित 750 वर्ष प्राचीन विभिन्न स्वरूपों में कुरआन के लेख कला का प्रदर्शन किया गया है।
पवित्र रमजान के महीने में ’कुरआन’ की इस प्रदर्शनी को ’नायाब’ बताते हुए मुख्य अतिथि राज्यपाल ने कहा कि अल्लाह ने गुमराह इंसानियत को कुरआन के माध्यम से राह दिखाई है। राज्यपाल ने कहा कि गुरबत, दुःख और गरीबी के अंधेरे से लोगों को मुक्त कराने के लिए कुरआन में निहित पैगाम पर अमल करना ही सच्ची इबादत है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि किसी भी जाति, धर्म या वर्ग के मासूमों पर जुल्म ढहाना कुरान का अपमान करना है। कुरआन का पैगाम है-’मुहब्बत तथा वफादारी’। अपने मुल्क के प्रति वफादारी तथा इंसानियत की कद्र ही कुरआन का पैगाम है। अपने मुल्क की आन-बान व शान की रक्षा प्रत्येक इंसान का फर्ज और धर्म है। इंसान के दर्द को महसूस करके उसे दूर करने की दवा कुरान की आयतों में खोजी जा सकती है।
इस अवसर पर तस्मिया संस्था के अध्यक्ष डॉ फारूख़ ने राज्यपाल सहित अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए, कुरआन शरीफ की स्क्रिप्ट के गौरवशाली इतिहास का वर्णन करते हुए उसकी पवित्रता पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम को नवगठित राज्य मानवाधिकार आयोग के नवनियुक्त सदस्य जस्टिस राजेश टंडन ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर संस्था से जुड़े हुए सदस्य और अनेक गणमान्य व्यक्ति भारी संख्या में रोजेदार भी उपस्थित थे।