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'मुंबापुरी रंगली दहीहंडी च्या जोशात'

भाग्यश्री काले

भाग्यश्री काले

मुंबई में दही हांडी-dahi handi in mumbai

मुंबई। महाराष्ट्र के लोगों में हमेशा अपनी संस्कृति और त्यौहार के प्रति अत्यंत प्रेम और लगाव है, जो हर अवसर पर परिलक्षित होता है। यह उत्सव मुंबई वासियों को साल में एक बार एकजुट होने का अवसर लेकर आता है। आज गोकुलाष्टमी पर भी हर जगह इसका मोहक नजारा देखने को मिला। अपना बच्चा अपनी संस्कृति को अपनी आंखों से देखकर मुंबापुरी मंत्र-मुग्ध हो गई। मुंबई और ठाणे में हर तरफ गोविंदाओं का उत्साह दही हांडी फोड़ने के लिए अपने चरम पर दिखाई दिया। लगातार दो महीने दही हांडी फोड़ने का अभ्यास करने के बाद आज गोविंदाओं ने इसका शानदार प्रदर्शन किया। हां, इस प्रदर्शन में कई जगह करीब 88 गोविंदा घायल जरूर हुए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुंबई में रिमझिम बरसात में भीगते हुए गोविंदाओं की टोलियां मानव पिरामिड के जरिये मटकी फोड़ने के लिए जब निकलीं तो यहां हर कोई व्यक्ति इस जश्न में शामिल होने के लिए एकत्रित हुआ। हर गोविंदा पथक अपने मंडल का दिया हुआ अथवा किसी राजनीतिक पार्टी की दी हुई टी शर्ट पहने था, ताकि हर कोई मंडल उनके नाम और टी शर्ट से पहचाना जाए, लेकिन सभी पथकों को बड़ी संख्या में एकसाथ अलग रंग की टी शर्ट में देखने का दृश्य भी अविस्मरणीय था। यह मुंबई में अनेकता में एकता का प्रतीक था। एक लाख से भी अधिक की बख्‍शीस और रूपये वाली करीब 18 दही हांडियां मुंबई और ठाणे में लगीं। शहर में लगभग दो सौ सार्वजनिक हंडिया लगीं, जिन्हें फोड़ने के लिए गोविंदा आए।
सबसे ज्यादा माखन चोर के लाड ठाणे शहर में पाए जाते हैं, इसलिए गोविंदाओं की टोली मुंबई की मटकिया फोड़कर ठाणे में पहुंची। मुंबई में सबसे ज्यादा दही हांडी उत्सव दादर, परेल, वरली, लालबाग, घाटकोपर, माझगांव और अंधेरी इलाकों में दिखाई दिया। मुंबई की हंडिया फोड़ने के लिए सुबह से ही शुरआत हो चुकी थी। ठाणे शहर में सुबह में खाली दही हांडी को सलामी दी गई। ठाणे में बड़ी कीमतों वाली सांस्कृतिक एवं मान की हंडिया रात को फोड़ी जानी वाली हैं। बीएमसी और मुंबई पुलिस ने पूरे मुंबई और ठाणे शहर में दही हांडी फोड़ने के अपनी-अपनी ओर से हर प्रकार से प्रबंध किए थे। दही हांडी आयोजकों ने भी अपनी तरफ से पूरी तैयारियां कीं। गोविंदाओं के लिए कई जगह मेडिकल सुविधा का भी आयोजन किया गया। पूरे मुंबई और ठाणे शहर में एक अलग ही धूम मची हुई दिखाई दी। मुंबई में कई गोविंदाओं ने ऐतिहासिक स्थानों की मटकी फोड़कर इनाम पाने की कोशिशें कीं।
लाखों मुंबईवासी गोविंदाओं का खेल देखने के लिये घर से बाहर निकले। हजारों कृष्ण भक्तों ने टकटकी लगाकर बाल माखन चोरों की शरारतें देखीं। इस सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक मंजर को देखने के लिये बच्चे ,बूढ़े, सभी उम्र के लोग शामिल थे। कई सारे लोगों ने तो अपने बच्चों को कृष्ण और राधा की पोशाक पहना रखी थी। इसीसे प्रतीत होता है कि महाराष्ट्र के लोगों को अपनी संस्कृति और त्यौहार के प्रति ज्यादा प्रेम और लगाव है। इस त्यौहार का बड़ा श्रेय यहां के दही हांडी के आयोजकों को और उसके साथ ही मुंबई के राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों को भी जाता है। राजनीतिक और सामाजिक जीवन में अपने झंडे गाड़े बैठे और झंडे गाड़ने के लिए जूझ रहे या मुंबई ठाणे में सामाजिक एवं राजनीतिक समर्थन मजबूत करने और कायम रखने के लिये ये आदर्श अवसर हैं जिनमें ये खूब धन लुटाते हैं।
महाराष्ट्र प्रदेशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण भगवान की धूम मची हुई है। मंदिरों में जन्मोत्सव की भव्य सजावट की गयी हैं। इस साल के दही हांडी उत्सव में जोश और भव्यता के लिए दही हांडी आयोजकों ने कड़ी मेहनत की। कई जगहों पर सेलिब्रटी को बुलाया गया। इस उत्सव में अपनी संस्था का नाम हो, इसलिए आयोजकों ने बड़े मंच का आयोजन किया। संगीत, नृत्य, अंतरराष्ट्रीय दर्जे का साऊंड सिस्टम क्या नहीं था? सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस उत्सव की रंगत को बढ़ाया। बॉलीवुड कलाकारों के साथ ही मराठी फिल्मों की मशहूर हस्तियां शामिल हुईं। इस साल मुंबई के दादर इलाके में आयडियल बुक डिपो की हांडी सबसे अलग संदेश दे रही थी। यह दही हांडी प्रदूषण रहित थी। संदेश था-पर्यावरण का संरक्षण। यहां पर लगाई गई हांडी को विक्रोली क्रीड़ा मंडल की गोविंदा लड़कियों ने छह स्तरों का मानवी पिरामिड लगाकर फोड़ा। यहां पर लगाई हांडी को "मराठी मनाची संस्कृति" करके पहचाना जाता है। इस साल मुंबई में महिला दही हांडी का जोश और उत्साह पिछले साल से ज्यादा दिखाई दे रहा है।
कई महिला गोविंदा पथक ने छह स्तरों के मानवी पिरामिड उभारकर रूपये जीते। ठाणे की संकल्प और संघर्ष दही हांडी के लिए गोविंदाओं का ज्यादा आकर्षण दिखाई दिया, क्योंकि यहां दही हांडी फोड़ने वालों के लिए 25 से 30 लाख रूपए रखे गए। नौ से आठ स्‍तर लगाने पर लगभग एक से ग्यारह लाख रूपये रखे गए।

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