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मुंबई में प्रदर्शन में हिंसा के बाद रेड अलर्ट

ये असम और म्‍यांमार में हिंसा का विरोध प्रदर्शन था

भाग्यश्री काले

भाग्यश्री काले

मुंबई में हिंसा

मुंबई। दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में असम दंगों और म्‍यांमार में हुई हिंसा का विरोध करने के खिलाफ शनिवार को मुस्लिम संगठनों के एक प्रदर्शन में हिंसा भड़क उठी, जिस पर काबू पाने के प्रयास में पुलिस की गोली से एक व्यक्ति की मौत का पता चला है। ‌आगजनी और हिंसा की इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं। इनमें एक जवान और मीडियाकर्मी भी हैं। मुंबई पुलिस के मुताबिक कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। घटना की जांच मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को दे दी गई है। मुंबई पुलिस कमिश्नर अरूप पटनायक ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर न जाएं। मुंबई में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।जानकारी के अनुसार यह प्रदर्शन मुस्लिम संगठनों ने आयोजित किया था, जिसमें करीबन ५० हजार प्रदर्शनकारी शामिल हुए थे। शुरू में तो सब कुछ ठीक ठाक रहा, मगर करीब ढाई बजे के बाद भीड़ ज्यादा बढ़ने लगी और प्रदर्शन के दौरान अचानक तोड़-फोड़ शुरू हो गई। बेस्ट बस पर पथराव से इसकी शुरूआत हुई, जिससे माहौल हिंसात्मक होता गया। उग्र भीड़ ने कई गाडि़यों में आग लगाई। इसी भीड़ ने कुछ समय बाद पुलिस की गाड़ियों को निशाना लगाया और उन्हें भी जला दिया।
पुलिस को स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए शुरू में लाठी चार्ज करना पड़ा और आसूं गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। हिंसक भीड़ ने मीडिया को भी नहीं बख्‍शा है। कई टीवी चैनल्स की ओबी वेन को भी जलाया गया है। हिंसा की खबर पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटना स्‍थल पर पहुंचे। पुलिस ने हालात पर काबू पा लेने का दावा किया है और कहा है कि स्थिति सामान्य है। इस हिंसा में अभी तक 30 लोगों के घायल होने की खबर है। सभी घायल जेजे रुग्‍णालय, सेंट जॉर्ज आणि जीटी अस्पताल में दाखिल कराए गए हैं।
इस हिंसा के कारण को लेकर कई बातें कही जा रही हैं, जिनमें एक बात यह भी है कि प्रदर्शन में शामिल कुछ लोग असम दंगों में प्रशासन की भूमिका को पक्षपातपूर्ण बता रहे थे। इनमें से कुछ लोग अचानक हिंसक हो गए और उग्र भीड़ ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर हिंसा पर काबू कर लिया। भीड़ ने मैदान से बाहर निकलकर पहले रास्ता रोकने की कोशिश की थी और उसके बाद उसने कई गाड़ियों को आग लगा दी। काबू पाने के लिए मुंबई पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बलों के जवानों को भी बुलाया गया। पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत होना बताया गया है।
मुंबई पुलिस कमिश्नर अरूप पटनायक ने बताया कि शाम को करीब तीन बजे तक हालात बिल्कुल सामान्य थे। सवा तीन बजे के आसपास कुछ ने हिंसा की जिसके बाद हालात बिगड़ गए। शाम करीब साढ़े पांच बजे प्रदर्शकारियों के लौटते वक्त फिर से कुछ हुड़दंग हुआ जिसमें फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक जवान गंभीर रूप से घायल है। दो फोटोग्राफर भी गंभीर रूप से घायल हैं। कुछ रिपोर्टर भी घायल हैं।

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