भाग्यश्री काले
बाभलगांव। लातूर। विलासराव देशमुख का उनके गांव बाभलगांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। ज्येष्ठ पुत्र और लातूर के कांग्रेस विधायक अमित देशमुख ने हजारों लोगों और परिजनों की उपस्थिति में अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही। मुंबई से लेकर लातूर और बाभलगांव, मराठा राजनीति के सिरमौर विलासराव दगादोजी राव देशमुख के निधन से शोक में डूबा हुआ है। यूं तो अस्पताल में भर्ती होने के दिन से ही उनके चाहने वालों में उनके स्वास्थ्य को लेकर भारी चिंता और बेचैनी थी, लेकिन मंगलवार को जैसे ही विलासराव देशमुख की मृत्यु का समाचार आया, मुंबई से लेकर उनके गांव बाभलगांव तक सामान्य जनजीवन ठहर सा गया। लातूर और बाभलगांव में अनिश्चय और शोक के आंसुओं से भरी आंखे बोल रही हैं कि यहां विलासराव देशमुख की मृत्यु का कितना गहरा सदमा पहुंचा है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस और यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता, महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों, लगभग सभी क्षेत्रों की मशहूर हस्तियों का विलासराव देशमुख के गांव बाभलगांव में उनके अंतिम दर्शनों और उनकी अंत्येष्टि में भाग लेने हेतु पहुंचने वालों का तांता लगा रहा। कौन है जो विलासराव देशमुख की मृत्यु के भारी अवसाद में डूबे परिवार की हिम्मत बढ़ाने और देश एवं महाराष्ट्र में उनके महत्व को प्रकट करने और उन्हें अंतिम नमस्कार करने बाभलगांव नहीं पहुंच रहा है। राजनीतिक, सामाजिक, प्रशासनिक, सिनेमा, उद्योग जगत की बड़ी-बड़ी हस्तियां देशमुख के अंतिम दर्शनों को यहां पहुंची हैं। देशमुख की मृत्यु भी बाभलगांव में एक राजनीतिक ताकत का संदेश बनी।
हालॉकि राजनीतिक विरासत को आगे संभाले रखने की किसी चिंता और जिम्मेदारी से पहले से ही निश्चिंत विलासराव देशमुख के पुत्र अमित देशमुख उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में लातूर से कांग्रेस विधायक हैं, लेकिन अपने पिताश्री के संघर्ष से मुकाम तक पहुंचने का वह जवाब उनमें नहीं दिखाई देता है। विलासराव देशमुख के एक पुत्र रितेश देशमुख भारतीय फिल्मों में अभिनेता हैं, लेकिन इनके पीछे गॉड फादर के रूप में विलासराव देशमुख ही थे, जिससे ये फिल्मों में कुछ चल गए। विलासराव देशमुख का महाराष्ट्र में राजनीतिक शक्ति, सामाजिक, विकास कार्यक्रमों जैसे क्षेत्रों में उनके बड़े अविस्मरणीय योगदान एवं उनकी अनेक उपलब्धियों की चर्चाओं के साथ ही, उनके बाद पारिवारिक और महाराष्ट्र या लातूर की राजनीति में पुत्रों की भूमिका और उनके महत्व से जुड़ी बातें भी लोगों की ज़ुबान पर रही हैं। इनके सामने अपने पिता की महान राजनीतिक विरासत को बचाए रखने की बड़ी चुनौती आ गई है।
विलासराव देशमुख ने लातूर को अपने घर आंगन की तरह सजाया है। इस जिले के लिए वरदान कहे जाने देशमुख के गांव तक पहुंचने पर विकास का मतलब समझ में आता है। उन्होंने लातूर में नागरिक सेवाओं को स्थापित करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। यहां के लोग कह रहे हैं कि लातूर श्रीविहीन हो गया है, उनका मुख्य संरक्षक चला गया है। बहुत से लोगों ने कहा कि देशमुख फिर तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होने वाले थे। उन्होंने जिनपर उपकार किए हैं, उनकी यहां एक बड़ी संख्या है। उनके महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री होने का सबसे ज्यादा लाभ लातूर और बाभलगांव ने ही उठाया है। यहां सब उनके हंसमुख, मिलनसार और मधुर व्यवहार के कायल हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों में भी उनके प्रशंसकों की कोई कमी नहीं है। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उनके व्यक्तित्व की प्रशंसा करने में कोई कसर ही नहीं छोड़ी। विलासराव देशमुख मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के भी अध्यक्ष थे और एनसीपी नेता शरद पवार के बाद उन्हें महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा मराठा नेता माना जाता था।
देशमुख के पार्थिव शरीर को वायु सेना के विशेष विमान से लातूर हवाई अड्डे लाया गया था। यहां से पार्थिव शरीर दयानंद विद्यालय ले जाया गया, जहां लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। इसके बाद उन्हें उनके गांव बाभलगांव ले जाया गया जहां हजारों लोग उनके दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे थे। महाराष्ट्र सरकार ने उनके निधन पर तीन दिन के शोक की घोषणा की है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देशमुख की पत्नी वैशाली देशमुख, पुत्र अमित देशमुख, रीतेश देशमुख और धीरज देशमुख को सांत्वना दी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी देशमुख की पत्नी को ढांढस बंधाया।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देशमुख की मौत पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देशमुख एक भरोसेमंद साथी और जिम्मेदार प्रशासक थे, जिन्होंने पंचायत, राज्य और फिर केंद्रीय स्तर पर सराहनीय योगदान दिया। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि विलासराव की गिनती महाराष्ट्र के आदरणीय नेताओं में होती थी, उनका व्यक्तित्व सभी को आकर्षित करता था और उनकी मौत से महाराष्ट्र और देश को काफी बड़ा नुकसान हुआ है, वे काफी अच्छे नेता, मंत्री और दोस्त थे। जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि ईश्वर उनके परिवार को इस असामायिक आघात को सहने की शक्ति दे। भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज़ हुसैन ने कहा की उन्होंने महाराष्ट्र के लिए काफी काम किया था। भाजपा के नेता प्रकाश जावड़ेकर ने विलासराव को बडे़ दिल का राजनेता बताया है। महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस में उनकी जबरदस्त लोकप्रियता थी। कांग्रेस सांसद मिलिंद देवड़ा ने विलासराव देशमुख को महान नेता और प्रशासक बताया जिन्होंने अपने जीवनकाल में काफी उतार-चढ़ाव देखे। वे कांग्रेस के प्रभावशाली प्रचारक थे। सीपीआई नेता डी राजा ने इसे एक राष्ट्रीय क्षति बताया है।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, कृषि मंत्री शरद पवार, महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन, मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल, व्यालार रवि, राजीव शुक्ला, मुकुल वासनिक मौजूद थे। भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रामदास अठावले, लोकसभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे और अन्य विपक्षी नेताओं ने भी उनके अंतिम दर्शन किए। बॉलीवुड की कई हस्तियां, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एन धरम सिंह भी देशमुख के गांव पहुंचे।