स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने चीनी मिलों को पीपीपी मोड पर दिए जाने पर सरकार के फैसले के विरोध में डोईवाला चीनी मिल में शुक्रवार को धरना दिया। धरने को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के पास कोई विजन नहीं है तथा इच्छा शक्ति की कमी है, जिस कारण प्रदेश के प्रतिष्ठानों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। निशंक ने कहा कि हम पीपीपी मोड के खिलाफ नहीं हैं, किंतु प्रदेश में नई इकाइयों का गठन कर उन्हें पीपीपी मोड में दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले उत्तरांचल का नाम उत्तराखंड किया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय तथा श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नामों बदलकर अपनी तुच्छ मानसिकता का परिचय दिया है। अच्छा होता कि कांग्रेस नए संस्थानों की स्थापना कर अन्य महापुरूषों को सम्मान देती। निशंक ने कहा कि चीनी मिलों को पीपीपी मोड पर दिए जाने का भारतीय जनता पार्टी प्रदेश व्यापी विरोध करेगी। धरना स्थल पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरबंश कपूर ने कहा कि चीनी मिलों को निजी हाथों में सौंपने से हजारों श्रमिकों का अहित होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह साजिश कामयाब नहीं होने दी जाएगी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल ने भी कहा कि कांग्रेस ने अपने पांच माह के कार्यकाल में जनहित का एक भी कार्य नहीं किया, अलबत्ता अब तक जितने भी कार्य सरकार ने किए हैं, वे जनविरोधी हैं, भाजपा इनका पुरजोर विरोध करेगी।
सवेरे ग्यारह बजे निशंक अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ धरना स्थल, डोईवाला चीनी मिल पर पहुंचे। भारी बरसात के बावजूद वे धरना स्थल पर मजदूरों, क्षेत्रवासियों, किसानों और कार्यकर्ताओं के साथ डटे रहे। धरना स्थल पर पूर्व मंत्री बंशीधर भगत, ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद्र अग्रवाल, पूर्व दायित्वधारी सुभाष बड़थ्वाल, सरदार गुरदीप सिंह, पूर्व कनिष्ठ प्रमुख हरपाल सिंह, भाजपा नेता नरेश बंसल एवं विनय गोयल, गुलशन अरोड़ा, कांग्रेस नेता सोम गुप्ता आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष डोईवाला मनसा गैरोला, महामंत्री पार्वती नेगी, ब्लाक प्रमुख नगीना रानी, संघर्ष समिति के राजेन्द्र सिंह, करन बोहरा, रवीन्द्र वाल्मीकी, रघुनाथ नेगी सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।