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अयोध्या। मुंबई हमले के मुख्य आरोपी व एक मात्र जीवित पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी की सजा सुनाये जाने पर अयोध्या के संत धर्माचार्यो तथा विश्व हिंदू परिषद ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने मांग की है कि कसाब और अफजल गुरू जैसे आतंकियों को सरकारी मेहमान बनाने की जगह तत्काल न्यायालय के निर्णयानुसार सरकार को अमल करना चाहिए।
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य व पूर्व सांसद डा राम विलास दास वेदांती ने अपने आवास हिंदू धाम पर न्यायालय का निर्णय आने के उपरान्त प्रसन्नता व्यक्त की और सरकार के ढीले-ढाले रवैये पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया। उन्होंने कहा आतंकवादी इस देश की छाती को छलनी कर रहे हैं सुरक्षा कर्मियों द्वारा पकडे जाने पर सरकार में आतंकवादी समर्थक तत्व क्षेत्रीय अखंडता एवं धार्मिक उन्माद का रोना रोते हैं। भारत सरकार को अब स्पष्ट कर देना चाहिए कि सर्वोच्च न्यायालय के सजा सुनाये जाने के उपरांत अब आतंकियों को हर हाल में फांसी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की तुच्छ राजनीति ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। अजमल कसाब की ही भांति अफजल गुरू को भी फांसी की सजा सुनायी जा चुकी है, लेकिन तुष्टिकरण की नीति के कारण वह सरकारी मेहमान बन कर मजे लूट रहे हैं और भारत की सुरक्षा की खिल्ली उड़ा रहे हैं।
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास महाराज के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास शास्त्री ने कहा कि अफजल एवं कसाब पर खर्च किए गए करोड़ों रूपये तुष्टिकरण का ही परिणाम हैं। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के उपरांत सरकार की मंशा साफ होनी चाहिए। गृह मंत्रालय अविलंब आतंकियों को फांसी की सजा को अमल में लाये। उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि अफजल गुरू की भांति कसाब को भी दया याचिका के अंतर्गत सालों पाले रखा जाये। उन्होंने कहा कि इन आतंकियों की फांसी से ही पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा। अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास ने कहा कि राक्षसों का संहार होना ही चाहिए। आतंकियों ने जिस प्रकार निरीह मानवता को कुचला उसकी सजा उन्हें जल्द से जल्द मिलनी चाहिए। न्यायालय के निर्णय से भारत की जनता में विश्वास जगा है।
विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ने महावीर ने कहा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद कसाब और अफजल दोनों को फांसी देकर भारत को पाकिस्तान के साथ व्यापार, उद्योग, सांस्कृतिक संबंध, किक्रेट के साथ ही सभी प्रकार के राजनीतिक संबंधों को तोड़ लेने चाहिएं। उन्होंने कहा कि मुंबई और संसद भवन के आक्रमणकारियों को पोषित किए जाने से देश की आर्थिक एवं सामरिक शक्ति एक न एक दिन अफगानिस्तान सरीखे तालिबानियों को हाथों में पहुंच जायेगी, इसलिए अदालत के निर्णय का आदर करते हुए सरकार अबिलंब इन दोनो को फांसी दे।