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इलाहाबाद। मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता ने आरआईडीएफ-14 (रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट फंड) योजना की प्रगति की यहां के सुदूरवर्ती क्षेत्र में समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि विकास कार्यों को पूर्ण गुणवत्ता के साथ और साढ़े तीन माह के भीतर अवश्य पूर्ण कर लिया जाए। योजना में कुल लागत 11.49 करोड़ रूपए है, इसमें नाबार्ड अंश 10.92 करोड़ रूपए और राज्य अंश 0.575 करोड़ रूपए है, जिससे 74 चैकडैमों का निर्माण कराया जा रहा है। इस योजना से इलाहाबाद जनपद की तहसील जसरा, बारा और कोरांव के पांच पठारी विकास खण्ड शंकरगढ़, कोरांव, मेजा, मांडा और जसरा लाभान्वित होंगे। इससे जहां 3414 हेक्टेअर अतिरिक्त क्षेत्र सिंचित होगा, वहीं 66.66 हेक्टेअर मीटर प्रतिवर्ष भूगर्भ जल रिचार्ज भी होगा।
इलाहाबाद के विकास खण्ड कोरावं के ग्राम-गाढ़ा स्थित जूनियर हाई स्कूल के प्रांगण में आयोजित 'वर्षा जल संचयन एवं भूगर्भ जल समृद्धि जागरूकता' गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में अतुल गुप्ता ने कहा कि चयनित नालों को पूर्ण रूप से संतृप्त करने के लिए 9 अतिरिक्त चेकडैमों का निर्माण भी किया जायेगा जिससे 540 हेक्टेअर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा। उन्होंने योजना के उद्देश्य की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे क्षेत्रों में जहां बड़ी सिंचाई परियोजनाएं और नलकूप निर्माण संभव नहीं है, वहां छोटे-छोटे चेकडैम बनाकर लघु/सीमान्त एवं गरीब कृषकों को सिंचाई सुविधाएं प्रदान करते हुए उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। सतही जल के उपयोग से अतिरिक्त सिंचन क्षमता में वृद्धि, ग्रीष्म ऋतु में सिंचाई के साथ अन्य आवश्यकताओं हेतु पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना और गिरते भूजल स्तर को रोकने और भूजल भण्डारण में वृद्धि इत्यादि करनी है।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह योजना काफी समय से चल रही है। पहली बार एक नदी, नाले को लेकर उसको संतृप्त किया जा रहा है। चेकडैम बनाकर इस क्षेत्र के बरसात के पानी को गांव में ही रोक लिया जाए, ताकि बरसात का पानी नदी में न जाए। गांव का पानी गांव में ही रहे और खेती के काम आए। उन्होंने चेकडैम के निर्माण कार्य को पूरी गुणवत्ता के साथ कराने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों का जिक्र करते हुए कहा कि जो विकास कार्य हों उन पर लगातार निगाह रखी जाए और क्वालिटी का समय-समय पर निरीक्षण हो। इन कार्यों का निरीक्षण बाहर की टीम से भी कराया जायेगा। उन्होंने एक चेकडैम का स्थलीय निरीक्षण किया और चेकडैमों के 74 प्रस्तावित निर्माण कार्यों और प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त वीके शर्मा ने जल की उपलब्धता के लिए जल के संरक्षण कार्यों पर विशेष बल देने को कहा। उन्होंने इस कार्य को एक अभियान और एक आन्दोलन के रूप में चलाने का आह्वान किया। प्रमुख सचिव लघु सिंचाई सुशील कुमार ने चेकडैमों का रख-रखाव करने की ग्राम प्रधानों से अपील की। उन्होंने कहा कि इसकी मानीटरिंग ग्राम स्तर प्रधान एवं जिला स्तर पर जिलाधिकारी नियमित बैठक करके करते रहेंगे। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबन्धक जीपी मिश्रा ने कहा कि गांव में खुशहाली लाने के लिए मूलभूत सुविधाएं गांव के लोगों को मिले, इस दिशा में नाबार्ड प्रयास कर रही है। गोष्ठी में विधायक राजबली जैसल ने क्षेत्रीय समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया। प्रारम्भ में मण्डलायुक्त उमाधर द्विवेदी ने चेकडैम निर्माण की पायलट योजना की रूप रेखा प्रस्तुत की।
मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत आयोजित एक विशाल कैम्प में भी 150 लोगों को स्मार्ट कार्ड का वितरण किए। इसके अलावा 110 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण भी किया गया। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना, सावित्री बाई फुले शिक्षा मदद योजना, पेंशन, छात्रवृत्ति और कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी। गोष्ठी का संचालन जिलाधिकारी संजय प्रसाद ने किया और धन्यवाद ज्ञापन आईजी सूर्य कुमार शुक्ल ने किया। इस अवसर पर जनपद स्तरीय अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधि और क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।