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नई दिल्ली। दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्ब्ल ने इलेक्ट्रानिक सिस्टम, डिजाइन, निर्माण और सूचना प्रौद्योगिकी को समर्पित्योजना पत्रिका का एक विशेष अंक यहां जारी किया। कपिल सिब्ब्ल ने इस मौके पर कहा कि ईएसडीएम भारत का अगला उदीयमान क्षेत्र है और सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन में हमारी बढ़ती क्षमता के साथ देश में इलेक्ट्रानिक्स हार्डवेयर की तेजी से बढ़ती मांग ने भारत को इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा में शामिल होने लायक बना दिया है।
उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में अधिक जागरूकता पैदा करने और नई नीति की पहल की मार्केटिंग करने के प्रयास किये जाएंगे। योजना ने सही समय पर इलेक्ट्रानिक्स और आईटी को समर्पित सितंबर अंक जारी किया है। ईएसडीएम क्षेत्र में निवेश के लिए भारत को तरजीही जगह बनाने के लिए इलेक्ट्रानिक्स और आईटी विभाग ने अनेक महत्वपूर्ण फैसले किये हैं। संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज योजना में गैर एसईजेड क्षेत्र में 25 प्रतिशत पूंजी निवेश की व्यवस्था की गई, एसईजेड क्षेत्र में ईएसडीएम क्षेत्र के लिए 20 प्रतिशत वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है। इस योजना के लिए 12वीं योजना में 10,000 करोड़ रूपये रखे गए हैं।
सिब्बल ने बताया कि योजना को अमल में लाने के लिए दिशा निर्देशों को सितंबर 2012 में अंतिम रूप दिया जाएगा और योजना के अंतर्गत आवेदन अक्तूबर 2012 से किये जा सकते हैं। मंत्रिमंडल ने ईएसडीएम क्षेत्र के लिए हाल में जिन अन्य प्रमुख नीतिगत पहलों को मंजूरी दी है, उनमें सरकारी खरीद में देश में निर्मित इलेक्ट्रानिक सामान को प्राथमिकता देना, सेमीकंडक्टर वेफर फैब की स्थापना और इलेक्ट्रानिक्स निर्माण क्लस्टर की स्थापना शामिल है। इस अवसर पर विभाग के सचिव जे सत्यनारायण, प्रकाशन विभाग में एडीजी इरा जोशी और अन्य अधिकारी मौजूद थे। योजना प्रकाशन विभाग की मासिक पत्रिका है, जिसकी अंग्रेजी सहित 13 भारतीय भाषाओं में 1.4 लाख प्रतियां प्रकाशित की जाती हैं।