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नई दिल्ली। देश की राजधानी के कार्टूनिस्टों के प्रतिनिधिमंडल ने केरल कार्टून अकादमी के कार्यक्रम समन्वयक के नेतृत्व में भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में भेंट की। अधिकांश कार्टूनिस्टों ने राष्ट्रपति को अपने बनाए कैरीकेचर-कार्टून भेंट किए। अपने ऊपर बने तरह-तरह कार्टून-कैरीकेचर देख कर कई बार प्रणब मुखर्जी के चेहरे पर भावपूर्ण मुस्कान देखी गई। उन्होंने कार्टून में अपने कई अक्स देखे।
केरल कार्टून अकादमी ने कार्टूनिस्ट केपीएस कुट्टी की पहली पुण्य तिथि (22 अक्टूबर, 2012) के अवसर पर उनके स्मरण का कार्यक्रम बनाया है जिसके अक्टूबर, 2012 के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में आयोजित होने की आशा है। इस कार्यक्रम में आने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आमंत्रित किया गया। कार्टूनिस्ट कुट्टी को लेकर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होने के वे इच्छुक हैं। मलयालम भाषी केपीएस कुट्टी केरल निवासी थे और उनके कार्टून बंगला अख़बार में छपते थे, जबकि उन्हें बंगला भाषा नहीं आती थी और अखबार मालिक मलयालम नहीं जानते थे। याद कीजिए, आनंद बाज़ार पत्रिका समूह की चर्चित साप्ताहिक हिंदी पत्रिका 'रविवार' के अंतिम पृष्ठ पर ‘कुट्टी का कार्टून’ छपता था, जिसे तमाम पाठक सबसे पहले देखा करते थे।
कार्टूनिस्ट केपीएस कुट्टी ने लगभग सात दशक जो कार्टून बनाए, उनमें से कई कार्टून के पात्र वर्तमान राष्ट्रपति भी बने। गत वर्ष नब्बे साल की आयु में अमरीका में उनका निधन हो गया था। केरल कार्टून अकादमी के पूर्व सचिव और अभी कार्यक्रम समन्वयक कार्टूनिस्ट सुधीर नाथ के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिलने गए कार्टूनिस्टों के इस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ कार्टूनिस्ट काक प्रभासाक्षी, जयंतो बनर्जी हिंदुस्तान टाइम्स, श्यामल बनर्जी मिण्ट, चंदर कार्टून पन्ना, जगजीत राणा जागरण, रोहनीत इंडियन एक्सप्रेस, सजीत कुमार डेक्कन क्रॉनीकल, प्रसांथ भारतीय वर्तमान, शिजू जॉर्ज स्वतंत्र, मनोज कुरील स्वतंत्र और सत्य गोविंद स्वतंत्र कार्टूनिस्ट शामिल थे।