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नई दिल्ली। आत्मकेंद्रित, सेरेब्रल पाल्सी, मंदबुद्धि और बहु-अक्षमताओं से ग्रस्त व्यक्तियों के कल्याण के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय न्यास ने उन व्यक्तियों को जिन्होंने सदैव विपदाओं और चुनौतियों का सामना करके असाधारण उपलब्धियां अर्जित की हैं, ऐसे विकासशील एवं बौद्धिक, लेकिन अक्षमता से ग्रस्त व्यक्तियों, उनके माता-पिता, पेशेवर व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया है और विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किये हैं। इस वर्ष से इन पुरस्कारों को 'स्पंदन' नाम दिया गया है, जिसका अर्थ है कम्पायमान और गतिशीलता की सराहना करना। ये पुरस्कार विशिष्ट रूप से नियुक्त ज्यूरी में आमंत्रित और चयनित क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियों ने विशेष रूप से नामित किये थे।
नये नाम का यह 'स्पंदन'-एनटी सैंट्रिक अक्षमता, गतिविधियां एवं नेटवर्किग में विशिष्ट कार्य पुरस्कार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री डी नेपोलियन ने शुरू किया था। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक ने दस व्यक्तियों और संगठनों को 'स्पंदन' पुरस्कार प्रदान किये हैं। उन्होंने जीवन में अनेक आपदाओं का सामना करने के बावजूद नई ऊंचाइयों को छूने के लिए पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों की हिम्मत की सराहना करते हुए इन पुरस्कारों की नई विचारधारा का भी स्वागत किया।
पुरस्कार दो श्रेणियों-सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति और सर्वश्रेष्ठ संगठन, में दिये गए। सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत पुरस्कार को आगे छह उप-श्रेणियों में बांटा गया, जिसमें अक्षमताग्रस्त व्यक्ति (महिला) पुरस्कार उम्मुल खैर, चेन्नई, तमिलनाडु, सेली नंद किशोर अगावाने पुणे महाराष्ट्र तथा अक्षमताग्रस्त व्यक्ति (पुरूष) पुरस्कार आशीष कुमार वर्मा पटना बिहार, अच्युतानल गुहा दिल्ली को तथा विशेष ज्यूरी पुरस्कार जेपी गडकरी बंगलौर, कर्नाटक और सर्वश्रेष्ठ संगठन पुरस्कार लोकल लेबल कमैटी, ग्वालियर, मध्य प्रदेश, लतिका रॉय प्रतिष्ठान देहरादून, उत्तराखंड को प्रदान किये गए।