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पेटेंटशुदा दवाइयों का मूल्‍य

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नई दिल्ली। रसायन और उर्वरक राज्‍य मंत्री श्रीकांत कुमार जेना ने पेटेंटशुदा दवाइयों के मूल्‍य अधिक होने के बारे में राज्‍य सभा में बताया है कि पेटेंटशुदा औषधियों को औषधि (कीमत नियंत्रण) आदेश, 1995 (डीपीसीओ, 1995) में परिभाषित नहीं किया गया है। वर्ष 2005 में यथा संशोधित भारतीय पेटेंट अधिनियम में पेटेंटशुदा औषधियों के लिए अनिवार्य लाइसेंस जारी करने हेतु प्रावधान निहित हैं। औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग ने यह सूचित किया था कि पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक ने ‘नेक्‍सावर’ नामक कैंसररोधी औषधि, जिसके संबंध में पेटेंट संयुक्‍त राज्‍य अमरीका की मैसर्स बेयर कारपोरेशन द्वारा धारित है, के निर्माण हेतु औषधि निर्माण कंपनी मेसर्स नैटको फार्मा लिमिटेड को पेटेंट अधिनियम (2005 में यथासंशोधित) की धारा 84 के अधीन अनिवार्य लाइसेंस प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि पेटेंटशुदा औषधियों के मूल्‍य निर्धारण वार्ता तंत्र के मामले की जांच कर रही एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह उल्‍लेख किया है कि संदर्भ निर्धारण के मामले में उत्पादों के मूल्‍यों का निर्धारण इसी प्रकार से अन्‍य देशों में लागू मूल्‍यों के आधार पर किया जाता है और मूल्‍य निर्धारण वार्ता मॉडल के मामले में मूल्‍यों का निर्धारण निर्माता के साथ बातचीत करने के बाद किया जाता है।

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