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लखनऊ।भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सरकार को 'चिट्ठी सरकार' की संज्ञा देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपने ढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में केन्द्र सरकार को लगातार चिट्ठी ही लिखने का काम कर रही हैं। सरकार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर रही। राज्य के विभाजन के बारे में भी नई चिट्ठी लिखे जाने को राजनैतिक शिगूफा करार देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार चिट्ठियां ही लिख रही हैं। सूखा आया तो राहत के लिये चिट्ठी, बाढ़ आपदा से निपटने के लिये भी केन्द्र को चिट्ठी, अल्पसंख्यक कल्याण के लिए भी चिट्ठी, पुलिस आधुनिकीकरण के लिए भी धन मांगने की चिट्ठी। मायावती सरकार हर बार केन्द्र से धन मांगने की चिट्ठी लिखने वाली संस्था बनकर रह गई है।
राज्यविभाजन के बारे में ताजा चिट्ठी पर दीक्षित ने कहा कि बसपा सरकार अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए ही रोजाना राजनैतिक शिगूफेबाजी कर रही है। उन्होंने नए राज्य के बारे में भाजपा का मत स्पष्ट किया कि यह प्रारम्भ से ही छोटे राज्यों की पक्षधर है, लेकिन नये राज्यों की लगातार बढ़ती मांगो के मद्देनजर पार्टी का दृष्टिकोण है कि केन्द्र को राज्य पुनर्गठन आयोग बनाना चाहिए और राज्यों की सारी मांगों पर विचार किया जाना चाहिए। बसपा सरकार अगर राज्य विभाजन का कोई प्रस्ताव विधानसभा में लाती है तो पार्टी राज्य की जनता के हित में अपने शीर्ष नेतृत्व और विधानमण्डल दल के साथ सम्यक् विचार के बाद फैसला लेगी। पार्टी राज्य की जनता के हितके लिये प्रतिबद्ध है। ऐसे संवेदनशील प्रश्नों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए लेकिन बसपा इस पर भी राजनीति कर रही है।