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मुंबई। मुंबई में बांद्रा स्थित माउंट मैरी चर्च में लोग माउंट मैरी मेले का मज़ा ले रहे हैं। माउंट मैरी चर्च मुंबई शहर के विशिष्ट और भव्य चर्चों में से एक है। यह माउंट मैरी चर्च बड़ा ही ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का है। इस रोमन कैथोलिक चर्च को सन् 1640 में बनाया गया था।
मुंबई में यह मेला ईसाई समुदाय के लोगों के त्यौहार का प्रतीक है। हर साल सितंबर माह में मदर मैरी की वर्षगांठ पर एक हप्ताह के लिए चर्च परिसर में यह मेला आयोजित किया जाता है। विशेषता यह है कि मदर मैरी की वर्षगांठ को लोकप्रिय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। माउंट मैरी के जन्म उत्सव के लिए सभी धर्मों के लोग उनका आशीर्वाद लेने के लिए यहां आते हैं। लोगों की बड़ी कतार लगी रहती है, जिसमें हर उम्र के लोग मदर मैरी के दर्शन के लिए आते हैं। इस साल मदर मैरी के जन्मोत्सव की शुरूआत रविवार 8 सितंबर से शुरू हुई।
मदर मैरी के दर्शन के लिए आने वाले लोग मनोकामना पूर्ण करने के लिये मदर मैरी की वेदी पर मोमबत्तियां पेश करते हैं। कोई छात्र अपनी पढ़ाई के लिए दुआ मांगता है तो वह मोम से बनी हुई पुस्तक अर्पण करता है। ये मोमबत्तियां यहां हर दुकान में उपलब्ध रहती हैं। माउंट मैरी का मेला सड़क तक एक कार्निवाल की तरह छाया हुआ है। यहां पर खरीदारी करने के लिए भी अलग-अलग तरह की बहुत दुकाने हैं। खाद्य पदार्थ की छोटी बड़ी दुकानों के साथ ही हर प्रकार की आवश्यक चीज़ें यहां उपलब्ध हैं।
दुकानों पर कई वस्तुओं की एक श्रृंखला है, जिसमें मिठाई की बिक्री, परिधान संबधित वस्तुएं एवं मानव शरीर के अंगों के आकार में मोमबत्तियां उपलब्ध हैं। युवाओं के लिए चलते फ़ैशन के ट्रेंड की वस्तुएं तथा टी शर्ट्स और पुस्तकें भी हैं। मेले में लोगों को एक से एक रोमांच से भरे आनंद का अनुभव लेने का मौका मिलता है। नुक्कड़ नाटक, संगीत स्पर्धा, पुस्तक रीडिंग और खाद्य उत्सव माउंट मैरी चर्च का एक हिस्सा बन चुके हैं। लोग माउंट मैरी के सामने अपनी वास्तविक इच्छाएं पूर्ण करने के लिए अंतर मन से प्रार्थना करते हैं।
मुंबईकर की खासियत है कि यहां हर धर्म और समाज के लोग हर तरह का उत्सव बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं। त्यौहारों की झड़ी यहां जुलाई माह से ही लग जाती है। लोगों ने दहिहंडी, नाग पंचमी, रक्षा बंधन, तीज और-और भी कई सारे उत्सव बड़े आनंद से मनाए हैं और अब गणेश चतुर्थी की तैयारी चल रही है।