स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 20 December 2012 07:43:30 AM
मुंबई। भारतीय रिज़र्व बैंक ने मध्यम वर्ग और ग़रीब लोगों से अनुरोध किया है कि वे सोने की वस्तुओं में निवेश ना करें। भारत देश में बहुतांश हिंदू धर्म के लोगों में सोना खरीदने की चाह और उसे श्रंगार के रूप में पहनने की परंपरा सी है। पिछले दो-तीन साल से सोने के भाव बढ़ते जा रहे हैं, इस वजह से सभी वर्ग के लोग सोने को निवेश के रूप के खरीद रहे हैं। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने सुझाव दिया है कि मध्यम और ग़रीब वर्ग के लोग सोने की निवेश के रूप में खरीददारी ना करें। पिछले 15 से 20 दिनों में सोने की कीमत में करीब डेढ़ हजार रूपये की बढ़त हो गयी है और आज की तारीख में सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 32 हजार रूपये हो चुकी है। भारतीय लोगों में बहुत सारे उत्सव और त्यौहार मनाए जाते हैं और त्यौहार के दौरान सोने की मांग बढ़ जाती है, इस कारण सोने के भाव में बढ़ोतरी हो जाती है।
बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सोना ऐसी वस्तु है, जिसे भारतीय लोग बड़े ही प्यार से अपनाते हैं और उसे खरीदते हैं। भारतीय लोग अपने शौक के लिए सोना खरीदते हैं, लेकिन उनकी यह मानसिकता नहीं रहती कि वो उसे बेच देंगे। इसमें पैसा फसने की समस्या ज्यादा है। कई बार लोग भगवान को मन्नत करते हैं कि मनोकामना पूरी हो जाने पर वो सोना चढ़ाएंगे। हिंदू धर्म में प्रथा है कि बेटी की शादी के समय उसे सोना दिया जाता है, ताकि भविष्य में ऐसी वस्तुओं का फायदा हो सके।
लोगों का आपस में कहना है कि भविष्य में इसकी कीमत और भी ज्यादा बढ़ सकती है, इससे लोग सोने की वस्तुएं खरीदने लगे हैं, लेकिन 30 हजार अथवा 32 हजार रुपयों से सोना ख़रीदे हुए सोने का उपयोग कैसे करें? ये भी एक गंभीर समस्या है। आज बैंक भी सोने की बिक्री करते हैं, लेकिन एक भी बैंक सोने को खरीद लेता है क्या? इस बारे में भी ग्राहक को सोचना चाहिए। बहुतांश भारतीय लोगों के पास उनका पीढ़ी जात ज़माने का सोना है, इन लोगों को बिक्री के बाद मिलने वाला मुनाफा निश्चित ही ज्यादा है।
सोने के गहनों की कीमत पिछले कुछ सालों से बहुत ऊँचाई पर जा रही है। इस तेजी का दौर जारी है। भारत दुनिया में सोने की सर्वाधिक खपत वाला देश माना जाता है। सांस्कृतिक तौर पर सोने को शुभ माना जाता है और शुभ अवसर पर सोना पहनना आवश्यक समझा जाता है। त्यौहार के दौरान अगर आप सोना खरीदने का मन बना रहे हैं तो आपका ये फैसला समझदारी भरा हो सकता है। अगर आप सोने के जेवरों के बजाय सिक्के खरीदना चाहते हैं, तो ये फैसला और भी समझदारी का है। जेवरों के मुकाबले सोने के सिक्के, बिस्किट ज्यादा शुद्ध होते हैं और ये ज्यादा दाम पर खरीदें और बेचे जाते हैं। दीवाली और अक्षय तृतीया के उत्सव पर बाजार में सोने के सिक्कों की मांग बढ़ जाती है। ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए कई सर्राफ सोने के सिक्कों को मिलावट करके बेचते हैं।
हर व्यक्ति के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि जेवर बनाने के लिए शुद्ध सोने या चांदी में मिलावट की जाती है क्योंकि शुद्ध सोना बहुत मुलायम होता है और उसे जेवर के रूप में रूपांतर करने के लिए थोड़ी मिलावट की जरूरत होती ही है, लेकिन सोने के सिक्के में किसी भी तरह की मिलावट की कोई गुंजाइश नहीं होती है। वो 24 कैरेट का ही होता है। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने लोगों को सुझाव दिया है कि अगर ग़रीब अथवा मध्यम वर्गीय लोगों को सोने में निवेश करना है तो वह 24 कैरेट का ही सोना खरीदें। इस सोने की कीमत बेचने के बाद पूर्ण प्राप्त हो सकती है। सोने की बिक्री करते समय लोगों को कुछ सावधानियों का पालन करना जरुरी है। सोने के सिक्के बैंक अथवा डाक घर से खरीदना ही उचित है। मान्यता प्राप्त ज्वैलर्स से हॉलमार्क लगा हुआ सिक्का खरीदने का प्रयास करें, जिसे बेचने के बाद उसकी पूर्ण रकम मिल सकेगी। सोना बेचने वालों का कहना है कि सोना ऐसी वस्तु है, जिसे भारतीय अपने शौक के लिए भी खरीदते हैं।