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नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में इस 28 सितंबर को गौमांस के व्यंजन परोसे जाने के विरोध में हिंदू महासभा के नेतृत्व में हिंदू संगठनो ने उग्र प्रदर्शन किया। अखिल भारत हिंदू महासभा ने जेएनयू में 28 सितंबर को अमर हुतात्मा भगत सिंह के जन्मदिवस पर आयोजित होने जा रहे कथित बीफ एंड पोर्क फेस्टिवल के विरोध में यह प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व मुकेश शर्मा ने किया।
उन्होंने हिंदुओं की धार्मिक आस्थाओं पर दिन प्रतिदिन पहुंचाई जा रही चोटों को वर्तमान समय की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक बताया। मुकेश शर्मा ने कहा कि यह दुष्कृत्य समस्त विश्व में व्याप्त सनातन धर्मियों के नैतिक मूल्यों पर एक कुठाराघात है, हमारे विश्वास और आस्था के अनुसार 33 कोटि के देवी देवता अपने हर रूप में पवित्र गौ-माता में विराजमान रहते हैं। जेएनयू विश्वविद्यालय में होने वाला गौमांस त्योहार कुछ अधर्मी लोग केवल भौतिकवादी दर्शन के आधार पर सनातन धर्मियों की आस्थाओं और भावनाओं को आहत करने के लिए मना रहे हैं।
जेनयू प्रशासन के सुरक्षा प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल पीके सांगवान तथा दिल्ली पुलिस के उच्चस्थ पदाधिकारियों ने यह आश्वासन दिया है कि इन अधार्मिक तत्वों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी तथा इस प्रकार का कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं करने दिया जायेगा। विरोध प्रदर्शन में हिंदू महासभा के साथ-साथ भगत सिंह क्रांति सेना, अखंड हिंदुस्थान मोर्चा, विश्व हिंदू परिषद , हिंदू-दल तथा प्रत्यंचा: सनातन संस्कृति के साथ विकास की ओर ने संयुक्त रूप से भाग लिया और सभी संगठनो ने यह मांग की कि यह अधर्म रुपी दुष्कृत्य संविधान के भाग-IV के अनुच्छेद (48) का उल्लंघन करता है, इन पर संबंधित अपराधों के तहत एफआईआर दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाए।
अखंड हिंदुस्थान मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप आहूजा ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविधालय में गौमाता का मांस परोसने की बात करने वाले वामपंथियों (माओवादियों) को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हिंदुत्व के विरोध में विश्वविद्यालय परिसर में गौमाता के मांस से बने व्यंजन परोसे गए तो आयोजकों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। एक कदम और आगे जाते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की हिंदू विरोधी घोषणाएं की जा रही हैं, हम ऐलान करते हैं कि यदि गौमांस परोसने की घटना को अंजाम दिया गया तो इसके बुरे परिणाम होंगे।
प्रशांत भूषण पिटाई मामले में चर्चित भगत क्रांति सेना के महासचिव धर्मवीर विष्णु गुप्ता ने कहा कि अब धर्म और राष्ट्र पर किसी भी अनैतिक अभिव्यक्ति को स्वीकार नहीं किया जायेगा, सहिष्णुता की पराकाष्ठा को जो पार करेगा, उसको यथाविधि दंड दिलवाया जायेगा, यदि जेएनयू विश्वविद्यालय परिसर में गौमांस महोत्सव मनाया जायेगा तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने पशु पालन और डेयरिंग के कार्य समूह के 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए योजना आयोग के गौमांस निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने और गौमांस के खुले निर्यात की सिफारिश करने पर आपत्ति जतायी है और कहा कि इससे 100 करोड़ से अधिक हिंदुओं और राष्ट्र भक्तों की भावनाओं पर कुठाराघात होगा।
अखिल भारत हिंदू युवक सभा के संगठन मंत्री प्रशांत पटेल ने जेएनयू प्रशासन, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार से इस प्रकार के अधर्मी दुष्कृत्यों को रोकने का हर संभव प्रयास करने की अपील की। प्रशांत पटेल ने स्मरण करवाया कि ऐसा ही एक प्रकरण आंध्र प्रदेश के उस्मानिया विश्वविद्यालय में भी हुआ था जिसका कि हिंदू समाज ने कड़ा विरोध किया था और जिसके कारण मुस्लिम समाज ने आंध्र प्रदेश में बड़े स्तर पर दंगे करवाए और हिंदुओं को जान और माल की क्षति पहुंचाई।
अखिल भारत हिंदू युवक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष मिश्र एवं उपाध्यक्ष रवि तिवारी ने कहा कि 1966 में गो-भक्तों पर गोलीकांड में सैकड़ों गो-भक्तों की मृत्यु के बाद बनाई गई एक समिति की सिफारिश पर गो-हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए कानून बनाना स्वीकार किया था, फिर भी पिछले कई वर्षों से हिंदू धर्म की आस्था और प्रतीकों पर निरंतर चोट की जा रही है, जिसके बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। हिंदू महासभा विरोध में अब अपने प्रदर्शनों में तेजी लाएगी और भविष्य में ऐसे सभी मामलों में सभी प्रकार से न्यायिक पक्षों को देख कर उचित कार्रवाई करेगी।
विरोध प्रदर्शन में हिंदू महासभा के कई बड़े नेता भी शामिल हुए, जिनमें तदर्थ राष्ट्रीय महामंत्री बाबा पंडित नंद किशोर मिश्र, स्वागत समिति के महासचिव निशांत सुरेश जिंदल, सपन दत्ता, शांतनु त्यागी, मनमोहन कुमार, ऋत्विक कौशिक, अनेक हिंदू युवा क्रांतिकारियों ने पूरे जोश के साथ भाग लिया जो कि यह दिखाता है कि युवाओं में इस प्रकार के मामलों से असंतोष फूट रहा है जो कि कभी भी बड़े आक्रोश में परिवर्तित हो सकता है।