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पूर्व सरसंघचालक कुसी सुदर्शन नहीं रहे

निधन पर संघ और भाजपा में भारी शोक

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कुसी सुदर्शन-kc sudershan

रायपुर/नई दिल्ली/नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक कुप्पाली सीतारमैया सुदर्शन नहीं रहे। कुसी सुदर्शन के नाम से विख्यात सुदर्शन का शनिवार को रायपुर में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। रायपुर (छत्तीसगढ़) में 18 जून सन् 1931 में जन्मे सुदर्शन, संघ के अनेक पदों पर रह कर उसकी गरिमा को निरंतर गतिमान करते रहे। उन्होंने 9 वर्ष की आयु से ही संघ की शाखा में जाना शुरू कर दिया था। वे अविवाहित थे। सन् 2000 से 2009 तक सरसंघचालक के पद रहते हुए उन्होंने हिंदू समाज का मार्गदर्शन किया। उनके निधन पर संघ और भाजपा ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
संघ के प्रवक्ता राम माधव ने बताया कि वह सुबह प्रातः भ्रमण से लौट कर आए, कुछ थकावट और बेचैनी महसूस करने के बाद उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। राम माधव ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में जनता के दर्शनों के लिए रखा जाएगा। नागपुर में रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। रविवार को उनके अंतिम संस्कार में भाजपा के सभी बड़े नेताओं के नागपुर में पहुंचने की उम्मीद है।
कुसी सुदर्शन एक हार्डलाइनर माने जाते थे। अपने बयानों और कड़े फैसलों के कारण वे हमेशा सुर्खियों में रहे। संघ प्रमुख होते हुए उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी को पार्टी में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जगह खाली करने की नसीहत दी थी। उन्होंने कभी किसी की परवाह नहीं की और सरकार और पार्टी पर स्पष्ट टिप्पणियां कीं। राजग सरकार की गलत नीतियों की उन्होंने कई बार कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने एक बार कहा था कि वह अपना काम इसलिए बेहतर तरीके से कर पाते हैं, क्योंकि उनके वरिष्ठ उनका पूरा साथ देते हैं। सागर विश्वविद्यालय से टेलीकम्युनिकेशन में वे बीटेक थे।
संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज्य, अरूण जेटली ने गहरा शोक व्यक्त किया है। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सुदर्शन को महान विचारक और सिद्धांतवादी बताया और कहा कि उन्होंने हमेशा देश की युवा शक्ति को सही राह दिखाने का काम किया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अपने और संघ परिवार के लिए गहरा आघात बताया है।
इनके अलावा शिव सेना के अध्यक्ष बाल ठाकरे, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज ‌सिंह चौहान, सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव धर्मेंद्र प्रधान, मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी, भाजपा यूपी के मुख्य प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य ह्दय नारायण दीक्षित, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी, रमेश पोखरियाल निशंक, लखनऊ के सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन, ने भी कुसी सुदर्शन के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। इन सभी नेताओं ने अलग-अलग बयानों में सुदर्शन को एक सच्चा राष्ट्र भक्त बताते हुए कहा कि वह स्वदेशी के मजबूत पैरोकार थे।
संत समाज दुखी
अयोध्या में कुसी सुदर्शन के आकस्मिक निधन पर प्रमुख संत-धर्माचार्यो एवं विश्व हिंदू परिषद ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे हिंदू समाज की अपूर्णीय क्षति बतायी है। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास महाराज ने कहा कि कुसी सुदर्शन की संतो के प्रति आत्मीयता जीवन पर्यंत बनी रही। वे वेबाक टिप्पणी के लिए सदैव जाने जाते रहे। राम मंदिर आंदोलन में पूर्व सरसंघचालक रज्जू भइया सहित उनका योगदान अविस्मरणीय है। पूर्व सांसद डॉ रामविलासदास वेदांती ने कहा सुदर्शनजी के विचार उनके हृदय से निकलने वाली वेदना को प्रदर्शित करते रहे, वह राष्ट्र और समाज के प्रति एक सच्चे देश भक्त के रूप में समर्पित रहे। गोलाघाट के महंत सिया किशोरी शरण, सियाराम किला के महंत करूणा निधान शरण, स्वामी प्रभंजना नंद, महामंडलेश्वर प्रेमशंकर दास, महामंडलेश्वर सीताराम त्यागी, बड़ा फाटक के महंत गोविंद दास, बजरंग दल के संयोजक राजू दास, महंत प्रिया प्रीतम शरण, महंत कृष्‍णाचार्य, महंत राम कुमार दास आदि संतों ने सुदर्शन के निधन पर शोक व्यक्त किया। कारसेवकपुरम् में संघ के वरिष्ठ प्रचारक और प्रभारी प्रकाश अवस्थी की अध्यक्षता में शोक बैठक हुई। इस अवसर पर विहिप के केंद्रीय मंत्री व संघ के वरिष्ठ प्रचारक पुरूषोत्तम नारायण सिंह ने कहा उनका जीवन देश और संघ को ही समर्पित रहा।

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