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मै समाजवादी हूं या राजद्रोही?-अमित जानी

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लखनऊ। मायावती मूर्ति प्रकरण में जेल ने निरुद्ध उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिख कर राजद्रोह हटाने व राजद्रोह न हटाने पर जेल में आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है। अमित जानी ने साथ ही मुख्यमंत्री से यह स्पष्टीकरण मांगा है कि वह बताएं कि मै समाजवादी हूं या राजद्रोही ?
बैरक क्यू-6 जिला जेल लखनऊ से अमित जानी ने शिवेंद्र शुक्ला को दी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि समाजवादी पार्टी बीस करोड़ लोगों से मूर्ति तोड़ने के अपने वादे से वैसे ही मुकर गई जैसे भाजपा सत्ता में आकर राम मंदिर मुद्दे से मुकर जाती है, जो वादा सपा सरकार न पूरा कर पायी उसे हमने पूरा किया है। अमित जानी ने प्रश्नवाचक व्यंग्य किया है कि सर्वजन लुटाय व सर्वजन दुखाय की नीति पर चलने वाली तानाशाह महिला की जनद्रोही सरकार के खिलाफ 10 महीने तक रथयात्रा और साईकिल यात्रा में पसीना बहाने वाले युवा नेता समाजवादी हैं या राजद्रोही, ये भी माननीय मुख्यमंत्री जी को स्पष्ट करना होगा।
अमित जानी ने कहा की वे 50 दिन से इस सवाल पर चुप थे कि उनका सपा से क्या संबंध? इसपर वे बताना चाहते हैं की 26 जुलाई 2011 को स्वयं अखिलेश यादव ने उनको समाजवादी पार्टी की सदस्यता दी थी, वे ठीक एक साल बाद 26 जुलाई 2012 को मायावती मूर्ति के मामले के बाद पार्टी में नज़रंदाज़ी के शिकार हैं, वहीं नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्या रोजाना मुख्यमंत्री के साथ चाय पी रहे हैं और सपा नेता, सपा की ही सरकार में राजद्रोह में जेल काट रहा है! अमित जानी ने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार को मायावती की मूर्ति से हमदर्दी है तो वह उसे फांसी पर चढ़ा दे, लेकिन स्पष्ट कर दे की मै समाजवादी हूं या राजद्रोही ?
अमित जानी ने बताया कि असीम त्रिवेदी व न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू को भी पत्र भेज कर 124अ के खिलाफ अभियान का समर्थन कर दिया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि वे तथा उनके साथ शगुन त्यागी, पवन शर्मा, राजेंद्र चौधरी, कासिम अली आदि जेल में आमरण अनशन करेंगे।

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