प्रवीण कुमार जैन
मुंबई। शाकाहारी बनिए, चमड़े से बनी वस्तुओं का त्याग कीजिए, केवल इससे ही आप जलवायु परिवर्तन और बढ़ते हुए जल संकट से पर्यावरण को बचाने में सहायता कर सकते हैं, जैसी जागरूकता के साथ संपूर्ण महाराष्ट्र में गौवंश हत्या प्रतिबंध और महाराष्ट्र से मांस निर्यात रोकने की मांग करते हुए महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय गौवंश रक्षा समिति के हजारों जीव दया प्रेमियों ने अहिंसक रैली एवं सभा का आयोजन किया। रैली पंचरत्न बिल्डिंग ऑपेरा हाउस से होते हुए चर्नी रोड स्टेशन-पुर्तगाली चर्च-गायवाडी-ठाकुरद्वार-चिरा बाज़ार-प्रिंसेस स्ट्रीट-मेट्रो सिनेमा होते हुए आज़ाद मैदान में सभा के रूप में परिवर्तित हुई। रैली में करीब 25000 से अधिक सक्रिय अहिंसा प्रेमियों की उपस्थिति दिखाई पड़ी।
तपोगच्छाधिपति आचार्य प्रेमसूरीश्वरजी ने रैली को विशेष आशीर्वाद प्रदान किया था। रैली एवं सभा को संबोधित करने के लिए आचार्य कुलचंद्रसूरीश्वरजी, आचार्य मुक्तिसागरजी,आचार्य हेमचंद्रसूरीश्वरजी, मणिप्रभासागरजी, पन्यास अक्षयचंद्रसागरजी, पन्यास संयमबोधिविजयजी, 95 उपवास के तपस्वी मुनिराज हंसरत्नविजयजी, मार्गदर्शक मुनिराज विरागसागरजी, मुनिराज विनम्रसागरजी आदि गुरु भगवंत पधारे थे। सभा में इसकोन से प्रह्लाद भक्त दास, दामोदर दास, पुरुष भूषण दास, आराधना दास महाराज पधारे थे। विश्व में प्रेम, करुणा, अहिंसा का शंखनाद करने हेतु अनेक जैन एवं हिंदू साधु-संतो ने जनसमुदाय को प्रभावित किया।
अहिंसा संघ के सूत्रधार मुनिश्री विरागसागरजी महाराज ने अहिंसा सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के 13 राज्यों में गौवंश हत्या पर प्रतिबंध है, फिर महाराष्ट्र इसमें पीछे क्यों है? आज महाराष्ट्र गौवंश हत्या का केंद्र बन चुका है। गौ प्रतिपालक शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में गौवंश की हत्या शिवाजी महाराज का अपमान है, महाराष्ट्र का अपमान है, महाराष्ट्र में बसी हुई गौप्रेमी सभी जीवदयाप्रेमी प्रजा का अपमान है। जिस गौवंश में हिंदू 33 करोड़ देवी-देवता का निवास मानते हैं उस गौवंश की हत्या यानि महाराष्ट्र में बसी 6 करोड़ हिंदू जनता की आस्था एवं श्रद्धा की हत्या है।
ओजस्वी प्रवचनकार मुनिश्री विनम्रसागरजी महाराज ने कहा कि जैनो के24 तीर्थंकरों में से 15 तीर्थंकरों के चिन्ह पशु-पक्षी हैं, फिर भी भारी संख्या में गौवंश की हत्या महाराष्ट्र में हो रही है। मुंबई शहर में गौवंश लाना मना है, फिर भी हजारों की संख्या में गौवंश काटा जा रहा है। आज़ादी के पूर्व गांधीजी ने कहा था कि आज़ादी पाते ही कलम के एक झटके से गौवंश हत्या पर प्रतिबंध हो जाएगा, लेकिन आज तो हालत यह है कि गौवंश हत्या बंद करवाने का प्रयत्न करने वालों को झटके दिए जाते हैं। मुनिश्री ने कहा कि जनता से सरकार चलती है, सरकार से जनता नहीं, मुंबई महानगरपालिका के बाज़ार नियम के अध्याय 4 की धारा 1 में लिखा गया है कि देवनार का कत्लखाना सिर्फ मुंबई महानगरपालिका की मर्यादा में रहते हुए लोगों के लिए है, यानि विदेशी लोगों की जीभ के स्वाद के लिए हमारा अमूल्य पशुधन कटना नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि महानगर पालिका ने 1983 में 154 नंबर का एक संकल्प पारित किया है कि हम बांद्रा से यह कत्लखाना देवनार ले जा रहे हैं, लेकिन मांस निर्यात नहीं करेंगे। महाराष्ट्र में इतनी सकारात्मक परिस्थिति होने के बावजूद लाखों गौवंश का गैरकानूनी कत्लेआम हो रहा है। पहले 16 कानूनों का क़त्ल किया जाता है, उसके बाद एक पशु का क़त्ल होता है। इसे रोकने के लिए पुलिस प्रशासन भी कोई मदद नहीं करता है, इसलिए अब राज्य में संपूर्ण गौवंश हत्या प्रतिबंध कानून लाने के सिवाय कोई उपाय शेष नहीं बचा है।
राष्ट्रीय गौवंश रक्षा समिति की ओर से केसरीचंद मेहता और अतुल शाह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने 1995 में 29 नंबर का बिल मुंबई और नागपुर के दोनों सत्र में विधानसभा और विधान परिषद में पारित किया है, जो राष्ट्रपति की सम्मति के लिए रुका हुआ था। मुंबई उच्च न्यायालय ने भी रिटायर्ड जस्टिस धर्माधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया, जिसका काम है पूरे महाराष्ट्र में पशु वध के कानून को ठीक तरह से लागू करवाना व उनके उल्लंघन को रोकना। उस समिति ने सरकार को पत्र लिखकर बताया कि यदि पशु की कायदे के अनुसार रक्षा करनी है, तो संपूर्ण गौवंश वध प्रतिबंध का कानून पारित होना ही चाहिए। इस सब के बावजूद भी 7 साल से सरकार इस विधेयक को अधिनियम नहीं बना सकी, इसलिए एक बड़ी रैली और अनशन का आयोजन किया गया है।
मैं गौरक्षक की नामवाली टोपियां, गले में पंचरंगी पट्टे और हाथो में पंचरंगी झंडो के साथ अहिंसा परमो धर्मः की जयकार करते हुए एवं गाय काटनेवालों को सजा करो-सजा करो, जो गौवंश रक्षा की बात करेगा, वही महाराष्ट्र में राज करेगा आदि अनेक नारों से से मुंबई में गूंज हुई। इस आंदोलन में राष्ट्रीय गौवंश रक्षा समिति, वर्धमान परिवार, समस्त महाजन, अहिंसा संघ, मुंबई के सभी जैन संघ, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय गौरक्षक सेवादल आदि संस्थाओं ने भाग लिया। विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा ने संपूर्ण गौवंश हत्या प्रतिबंध बिल की मांग की। सभा के समर्थन में हीरा बाजार, कपड़ा बाजार, नागदेवी मार्केट, स्टील मार्केट, मेटल मार्केट, इमिटेशन मार्केट, झवेरी बाज़ार, दाना बाज़ार आदि कई मार्केट बंद रहे और व्यापारियों ने बड़ी संख्या में पधारकर सभा को सफल बनाया।