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रेलवे को बड़ा मुनाफा, सुविधाओं के भी दावे

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Tuesday 01 January 2013 08:05:39 AM

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नई दिल्ली। पिछले साल अप्रैल से नवंबर तक रेलवे ने 19.23 प्रतिशत ज्यादा राजस्व कमाया है। रेल मंत्रालय की वर्षांत समीक्षा से स्पष्ट हुआ है कि 2012 के दौरान इस मंत्रालय ने अपने सभी निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर लिए। उपलब्धियों की खास बातें हैं–बुनियादी सुविधाओं वाली परियोजनाएं फास्ट ट्रैक पर, राजस्व अर्जन में वृद्धि, स्टेशनों के विकास के लिए निगम स्थापित करने के ज्ञापन पर हस्ताक्षर, रिजर्व क्लास में आईडीप्रूफ अनिवार्य, इस्पात मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन, मुंबई में एलिवेटेड रेल कॉरिडोर परियोजना, रेल संपर्क क्षमता बढ़ाने वाली परियोजनाएं, बनिहाल-काजीगुंड रेलखंड का निर्माण पूरा, आदर्श स्टेशन एवं एमएफसी, डेडीकेटेड फ्राइट कॉरिडोर, क्लीन इंडिया कैंपेन पर समझौता ज्ञापन, नई उत्पादन यूनिटें, डबल डेकर डिब्बे, रेलवे में ऊर्जा संरक्षण, रेलवे को 11 राष्ट्रीय पुरस्कार, सुरक्षा के उपाय, दूरसंचार व्यवस्था में सुधार, ऑप्टिकल फाइबर केबल योजना पूरी, दनकुनी में इलेक्ट्रिक रेल इंजन कारखाना, 5,500 हार्स पॉवर क्षमता के डीजल रेल इंजन, यात्री सुविधाओं में सुधार।
इनके अलावा भारतीय रेलवे ने वर्ष के दौरान यात्रियों के लिए जो अतिरिक्त सुविधाएं जुटाईं या बढ़ाईं हैं वे हैं–मोबाइल फोन के जरिए टिकट बुकिंग, जैव शौचालयों की शुरुआत, इज्जत स्कीम के अंतर्गत यात्रा की दूरी एक सौ से बढ़ाकर 150 किलोमीटर करना, शौर्य पुरस्कारों वाले नागरिकों को प्रथम, द्वितीय एसी श्रेणी के पास उपलब्ध कराना, गाड़ियों में खानपान सुविधाओं में सुधार, चलती गाड़ी में डिब्बों की सफाई की व्यवस्था, गाड़ियों के चलने के बारे में सूचनाओं में सभी ट्रेनों को शामिल करना, लंबी दूरी की यात्रा को तेज और सुरक्षित बनाना, वेबसाइट के जरिए कोहरे से संबंधित सूचनाएं देना, यात्री डिब्बों की सफाई नियमों में बदलाव, टर्मिनलों और मालगाड़ी डिब्बों में निजी निवेश नीति में संशोधन, फ्राइट इंसेंटिव स्कीम की फिर से शुरुआत आदि। वर्ष 2012 के दौरान बुनियादी सुविधा से जुड़ी परियोजनाओं में भारी उछाल आया। प्रधानमंत्री ने नवंबर में मूल सुविधाओं से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा की और उनके लक्ष्य निर्धारित किए। समयबद्ध कार्रवाई की योजना निर्धारित की गई। पहली अप्रैल से 30 नवंबर तक रेलवे ने 78868.17 करोड़ रुपए की कमाई की जबकि पिछले वर्ष 66150.48 करोड़ का राजस्व अर्जित किया गया था। यह पहले वाले साल के मुकाबले 19.23 प्रतिशत ज्यादा है। माल ढुलाई, यात्री किराए और अन्य काफी क्षेत्रों में काफी वृद्धि हुई।
रेल मंत्रालय ने फरवरी 2012 में एक स्पेशल पर्पज वेहीकल स्थापित करने के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके अनुसार इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड को इन स्टेशनों का विकास करेगा-बिजवासन (दिल्ली), हबीबगंज (भोपाल), आनंद विहार (दिल्ली), चंडीगढ़ और शिवाजी नगर (पुणे) ये स्टेशन पहले चरण के दौरान विकसित किए जाएंगे। इरकॉन और आरएलडीए के साथ भी रेल मंत्रालय ने ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। आरक्षित टिकटों का दुरुपयोग रोकने के उद्देश्य से आरक्षित क्लास में चलने वाले यात्रियों के लिए आईडीप्रूफ अनिवार्य बना दिया गया है। आईडीप्रूफ के बिना इन यात्रियों को बेटिकट माना जाएगा। उम्मीद की जाती है इससे बिचौलियों का दखल कम होगा।
दुनिया के सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले इलाके में शुमार होने वाले मुंबई में चर्चगेट-विरार खंड में ट्रैक की क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके लिए 63.27 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के निर्माण पर 21,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस पर 26 स्टेशन होंगे जिनमें से 5 भूमिगत और 19 जमीन से ऊपर (एलेवेटेड) होंगे। मुंबई से दादरी से तुगलकाबाद तक 1839 किलोमीटर लंबा और कोलकाता से लुधियाना तक पूर्वी डीएफसी बनाया जाएगा। रेल संपर्क क्षमता बढ़ाने और मूल सुविधाओं की वृद्धि में रेल मंत्रालय ने निवेशक हितैषी नीति बनाई है, जिसके अंतर्गत परियोजनाओं में प्राइवेट क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। इसके अंतर्गत 5 मॉडल तय किए गए हैं जिनमें बीओटी, बीओटीएनईटी, अंशपूंजी में संयुक्त उद्यम, ग्राहकों द्वारा वित्तपोषण के जरिए क्षमता वृद्धि आदि शामिल होंगे।
भारतीय रेलवे ने जम्मू कश्मीर के बनिहाल-काजीगुंड खंड का निर्माण पूरा करके एक और चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया। इस खंड पर गाड़ियों का ट्रायल रन शुरू हो गया है। सभी प्रमुख निर्माण कार्य पूरे किए जा चुके हैं और यह खंड जल्दी ही उद्घाटन के लिए तैयार हो जाएगा। इस 17.729 किलोमीटर लंबे मार्ग में से 11.215 किलोमीटर लंबी सुरंग (पीरपंजाल पहाड़ी) है, जो भारत में सबसे लंबी है और एशिया में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी सुरंग है। इस खंड के उद्घाटन से भारतीय रेलों के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू होगा। रेल मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के बीच क्लीन इंडिया कैंपेन संबंधी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। पर्यटन मंत्रालय लंबी दूरी की रेलगाड़ियों की ब्रांडिंग करेगा।

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