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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और राजस्थान में नगरीय निकाय चुनाव में बसपा को अच्छी सफलता मिली है। कई नगरों की जनता ने बसपा उम्मीदवारों को जिताकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बसपा की हार की काफी हद तक भरपाई की कोशिश की है। मध्य प्रदेश में सतना और सिंगरौली नगर निगम के महापौर पद पर बीएसपी की शानदार जीत हुई है। पार्टी प्रत्याशी 10 अन्य निकायों के अध्यक्ष पद पर भी विजयी हुए हैं और 151 पार्षद चुने गये हैं। इसी प्रकार राजस्थान में भी राजगढ़ बोर्ड के अध्यक्ष पद पर बीएसपी उम्मीदवार जीता है। इन राज्यों में अपने प्रत्याशियों की जीत पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि यहां की जनता बीजेपी और कांग्रेस सरकारों से निराश होने लगी हैं। एक बयान में मायावती ने कहा कि विरोधी पार्टियों की साजिश बेनकाब किये जाने से अब यह पार्टियां जनता को गुमराह नहीं कर पा रही हैं।
मायावती ने मध्य प्रदेश में पार्टी को मिली सफलता के लिए मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजों से यह स्पष्ट हो गया है कि बसपा मध्य प्रदेश के शहरी इलाकों में भी एक मजबूत राजनीतिक ताकत के तौर पर उभरी है और पार्टी के वोट प्रतिशत में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मध्य प्रदेश में इन चुनावों में पहली बार बीएसपी उम्मीदवार भारी संख्या में जीते हैं इसके अलावा राजस्थान में भी बीएसपी ने उत्साहजनक प्रदर्शन किया है। उन्होंने मध्य प्रदेश के सतना और सिंगरौली नगर निगम के महापौर और राजस्थान में राजगढ़ बोर्ड के चेयरमैन पद पर बीएसपी उम्मीदवारों की जीत पर प्रसन्नता व्यक्त की है। मध्य प्रदेश में और वह भी सतना और सिंगरौली जैसे बड़े नगरीय क्षेत्रों में, जहां पर 45-45 वार्ड हैं पहली बार बीएसपी के उम्मीदवार महापौर पद पर विजयी हुए हैं। इन चुनावों से पहले मध्य प्रदेश में कभी भी बीएसपी का कोई मेयर नहीं रहा। सिंगरौली नगर निगम में 11 और सतना में 09 बीएसपी पार्षद भी चुने गये हैं।
मध्य प्रदेश में पिछले चुनाव में पांच पार्टी प्रत्याशी अध्यक्ष के पद पर चुने गये थे। बीएसपी ने डबरा नगर पालिका परिषद (ग्वालियर), मिहोना नगर पंचायत (भिंड), वीरसिंहपुर नगर पंचायत (सतना), कोठी नगर पंचायत (सतना), नईगढ़ी नगर पंचायत (रीवा), मऊगंज नगर पंचायत (रीवा), झुण्डपुरा नगर पंचायत (मुरैना), कैलारस नगर पंचायत (मुरैना), बड़ा मल्हेरा नगर पंचायत (छततरपुर) और लहार नगर पंचायत (भिंड) के अध्यक्ष पदों पर जीत हासिल की है। विभिन्न नगर निकायों में 151 बीएसपी पार्षद भी चुने गये हैं, जबकि पूर्व में पार्टी पार्षदों की संख्या 100 से कम थी। इस चुनाव के बाद मध्य प्रदेश की 63 स्थानीय निकायों में बीएसपी का प्रतिनिधित्व हो गया है। राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में भी बसपा ने पहली बार किसी भी नगर निकाय के अध्यक्ष पद पर विजय हासिल की है। आठ बीएसपी उम्मीदवार भी पार्षद चुने गये। बीएसपी ने इन चुनावों में पिछले लोक सभा और विधान सभा चुनाव के मुकाबले काफी अधिक वोट प्राप्त किये हैं। अब तक राजस्थान की नगर निकायों की कुल सीटों में से केवल 25 प्रतिशत सीटों पर ही चुनाव हुआ है और शेष 75 प्रतिशत सीटों पर चुनाव होना अभी बाकी है।
मायावती ने कहा है कि लोक सभा चुनाव के बाद उन्होंने पूरे देश के बीएसपी कैडर के सामने यह बात रखी थी कि कैसे कांग्रेस पार्टी, बीजेपी और इनके सहयोगी दलों ने मिलकर बीएसपी को हराने के लिए साजिश रची थी। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को बताया था कि इन दलों ने अंदरूनी तौर पर मिलीभगत करके लोक सभा का चुनाव लड़ा था, जिससे बीएसपी का वोट प्रतिशत बहुत अधिक होने के बावजूद उसे उम्मीदों से कम सीटें मिलीं थीं। इस सच्चाई से वाकिफ होने के बाद पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने दूसरी पार्टियों की साजिश को बेहद गम्भीरता से लेते हुए भविष्य में होने वाले सभी चुनाव में जनता के बीच इन बातों को मजबूती से रखने का फैसला लिया था, जिस कारण दूसरी पार्टियां दोबारा कामयाब न हो सकीं।