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Thursday 10 January 2013 05:57:53 AM
कोच्चि। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कोच्चि में आयोजित 11वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में कहा कि हम सब भारत को मजबूत, ईमानदार, न्याय-संगत बनाने और उसे विश्व समुदाय में उचित स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आप सब ने एक विद्वान, शिक्षाविद्, वैज्ञानिक, व्यवसायिक, टेक्नोलॉजिस्ट और व्यापारी के रूप में जो ज्ञान और अनुभव अर्जित किया है, वह भारत के विकास में निर्णायक भूमिका अदा कर सकता है, आपने जो उपलब्धियां अर्जित की हैं और अपने पैतृक देश भारत को जो बहुमूल्य सेवाएं प्रदान की हैं, उन सब पर हमें गर्व है।
उन्होंने कहा कि वह प्रवासी भारतीयों को न केवल भारत के आर्थिक विकास में बल्कि भारत में बुद्धिजीवी समाज के निर्माण में भी एक मजबूत भागीदार के रूप में देखना चाहते हैं। सांस्कृतिक, भावनात्मक रूप से लगातार जुड़े रहते हुए और एक प्रभावी राजदूत के रूप में वे इस देश की सेवा कर रहे हैं। प्रवासी भारतीय जिन देशों में रह रहे हैं उन्होंने उन देशों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देकर हमारे देश को गौरवांवित किया है। प्रत्येक भारतीय के लिए यह गौरव का विषय है कि आज कम-से-कम पांच देशों के अध्यक्ष या प्रमुख, विधायिकाओं के उप-प्रमुख, वक्ता जैसे वरिष्ठ राजनैतिक नेता और अनेक मंत्री पदों को भारतीय मूल के लोग सुशोभित कर रहे हैं। आज भारत व्यापक संभावनाओं का देश है और वे भी इस देश की प्रगति में भागीदार बन सकते हैं।
इस अवसर पर प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वॉयलार रवि ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। प्रवासी भारतीय मामलों का मंत्रालय दुनिया के विभिन्न भागों में क्षेत्रीय प्रवासी दिवस आयोजित कर रहा है और पिछला ऐसा सम्मेलन मॉरीशस में हुआ था। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाली हेल्पलाइन शुरू की जा चुकी है, दुबई में भारतीय श्रमिक संसाधन केंद्र चल रहा है, भारतीय समुदाय कल्याण कोष की स्थापना एक बड़ी उपलब्धि है। इससे मुश्किल में पड़े कार्यकर्ताओं की सहायता की जाती है। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने 13 जाने-माने प्रवासी भारतीयों को पुरस्कारों से सम्मानित किया। इस 11वें प्रवासी भारतीय दिवस में लगभग 2000 प्रतिनिधि शामिल हुए।