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आनंद शर्मा मॉरिशस के प्रधानमंत्री से मिले

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Thursday 10 January 2013 06:16:36 AM

anand sharma with prime minister of mauritius, navinchandra ramgoolam

पोर्ट लुईस। अगले महीने निर्धारित दोहरे कराधान परिहार सम्मेलन पर संयुक्त कार्य समूह की बैठक के लिए मॉरिशस के दो दिवसीय दौरे पर गए वाणिज्य, उद्योग और वस्त्र मंत्री आनंद शर्मा ने कल पोर्ट लुईस में मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम से मुलाकात की। आनंद शर्मा ने मॉरिशस के प्रधानमंत्री को दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को और अधिक बढ़ाने की ज़रुरत की बात कही। उन्होंने मॉरिशस भारत व्यापार परिषद के सुदृढ़ सांस्थानिक प्रणाली के रुप में कार्य करने पर बल दिया। इसके लिए पर्यटन, अवसंरचना, विनिर्माण तथा प्रकाश आभियांत्रिकी, औषध, जैवप्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और जैविक विज्ञान, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तथा वस्त्र आदि क्षेत्रों की पहचान की गई है। दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों के विस्तार और गहराई के लिए अप्रैल 2013 से पहले व्यापार और निवेश पर संयुक्त कार्य समूह की बैठक के आयोजन पर सहमति हुई।
मॉरिशस में वस्त्र उद्योग क्षेत्र के विकास के लिए आनंद शर्मा ने पूर्ण सहमति का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मॉरिशस के संस्थानों के साथ परिधान निर्यात संवर्धन परिषद और पूर्वोत्तर भारत वस्त्र अनुसंधान संघ के सहयोग से मॉरिशस सरकार द्वारा वस्त्र क्षेत्र में प्रस्तावित तीन सहमति ज्ञापनों के मसौदों को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। आनंद शर्मा ने यह भी घोषणा की कि मॉरिशस सरकार द्वारा नामांकित 5 विद्यार्थियों/ अधिकारियों को भारतीय विदेश व्यापार संस्थान में विश्व व्यापार संगठन से संबंधित मुद्दों के बारे में प्रशिक्षण के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
आनंद शर्मा ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए मॉरिशस के लगातार समर्थन के लिए मॉरिशस के प्रधानमंत्री का धन्यवाद दिया। उन्होंने मॉरिशस को दिए जा रहे मौजूदा 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता (जिसकी घोषणा फरवरी 2012 में प्रधानमंत्री के मॉरिशस दौरे के दौरान की गई थी) के साथ मॉरिशस के लिए 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर ऋण सहायता की बात भी कही।
उन्होंने दोनों देशों के बीच हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग के संदर्भ में संतोष जताया। मॉरिशस ने भारत की हालिया नीति पहलों की सराहना की खास तौर पर, मल्टीब्रांड किराना में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के संदर्भ में साथ ही यह आशा भी जताई कि इससे भारत में नवीन निवेश के अवसरों का सृजन होगा।

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