रज़िया बानो
लखनऊ।मिलिए! प्रतीक रस्तोगी से। लखनऊ के पास मलिहाबाद का रहने वाला यह लड़का सोनी टीवी इंटरटेनमेंट के 'लिफ्ट करा दे' शो में टॉप थ्री में पहुंच चुका है। इस कार्यक्रम में प्रतीक ने फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा के जीनियस फैन के रूप में अपनी पहचान बनाई है। प्रतीक से यह सिद्ध करने के लिए कहा गया था कि 'वे प्रियंका चोपड़ा के कितने बड़े फैन हैं और उनके लिए क्या कर सकते हैं?' इसके लिए सोनी इंटरटेनमेंट की प्रोडक्सन टीम पिछले साल अक्टूबर में लखनऊ आई थी और यहां के चांसलर क्लब में यह मुकाबला हुआ था। इस मुकाबले में 18 वर्ष और उससे ऊपर उम्र की लखनऊ की काफी प्रतिभाओं ने भाग लिया था किंतु सफलता प्रतीक रस्तोगी के हाथ लगी जिसे सोनी टीवी ने टॉप सिक्स में शामिल करते हुए मुंबई बुलाया और एक मुकाबले के बाद टॉप थ्री में चयनित कर लिया। यह कार्यक्रम शुक्रवार 8 जनवरी को सांय 8 बजे और शनिवार को फिर सांय 8 बजे सोनी इंटरटेनमेंट टीवी 'लिफ्ट करा दे' कार्यक्रम में प्रसारित करेगा। करन जौहर इस कार्यक्रम के होस्ट हैं।
इस शो में प्रियंका चोपड़ा का इंडिया का सबसे बड़ा फैन चुना जाएगा और जो विजेता होगा और टास्क से उसे जो धनराशि मिलेगी वह धनराशि उसके हाथों से किसी अशक्त या कमजोर जरूरतमंद को दी जाएगी। इस शो में प्रतीक रस्तोगी विजेता के दावेदार के रूप में दिखाई देगा।
ब्राइट कॅरियर इंटर कॉलेज ठाकुरगंज के पीसीएम के विद्यार्थी रहे प्रतीक रस्तोगी पांच बहनों के अकेले भाई हैं। पच्चीस मार्च 1991 को जन्मे प्रतीक का आर्ट पर बहुत अच्छा और तेज हाथ चलता है जिस कारण उसमें एक फैशन डिजाइनर के रूप में अपना कॅरियर देखने की तमन्ना है। कम उम्र में ही उसने फैशन के जो डिजाइन तैयार किए हैं वह लाजवाब हैं और इतनी कम उम्र ऐसा कर पाना हर किसी के वश में नहीं है। प्रतीक का कहना है कि उसके कॉलेज में भी उसके साथ पढ़ने वालों का उनके प्रोजेक्ट में मदद करने का दबाव रहता था इस कारण उसकी पढ़ाई पर भी असर पड़ा लेकिन जहां तक फैशन डिजाइनिंग पर काम करने का प्रश्न है तो उस पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ने दिया अपितु उसमें हर समय कुछ नया ही किया है। उसके डिजाइन किए हुए कपड़े एक सेलिब्रेटी ने पहने हैं। फैशन डिजाइनिंग में इंडियन और पश्चिमी लिबास दोनों शामिल हैं। प्रतीक का कहना है कि अभी किसी बड़े फैशन डिजाइनर से वह नहीं मिला है।
प्रतीक का कहना है कि उसके दोस्त नहीं हैं। यह सुनकर किसी को भी अटपटा लग सकता है। प्रतीक का कहना है कि उसका अनुभव है कि दोस्त अपने मतलब में ज्यादा बात करते हैं इसलिए उसने अपने दोस्त बनाने छोड़ दिए हैं। प्रतीक को उसके भीतर के प्रतिभा को उभारने के लिए उसे बहुत से लोग हतोत्साहित करते हैं-इनमें खासतौर से उसके आस-पास के ही लोग हैं लेकिन वह उनसे निराश नहीं होता है। बात-चीत में प्रतीक ने कहा कि लोगों का कहना है कि ये आर्ट क्या है, लोग मारे-मारे फिर रहे हैं, फैशन डिजाइनिंग भी कुछ नहीं है, सब बेकार है, पीसीएम किया है तो इंजीनियर बनिए- वगैरह-वगैरह। लेकिन प्रतीक ने यह तय कर लिया है कि वह फैशन डिजाइनर ही बनना चाहता है जिसके लिए वह हर स्तर पर प्रयास करेगा। अभी उसकी आमदनी का कोई ज़रिया नहीं है वह कुछ तो छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपना काम चलाता है और कुछ पवालियों को डेकोरेट करके पैसा मिल जाता है। कुल मिलाकर प्रतीक का अपने आर्थिक पक्ष को अनुकूल बनाने के लिए भी एक बड़ा संघर्ष है जिसमें वह विचलित नहीं होता है और अपना काम किए जा रहा है। इसी लगन के कारण वह सोनी टीवी के 'लिफ्ट करा दे' शो तक पहुंच गया है।
प्रतीक का कहना है कि घर से तो सबकी इच्छा है कि मैं इंजीनियर बनूं लेकिन मैं कुछ ऐसा करना चाहता हूं कि मेरा नाम हो। मैं भले ही एक ऐसे इलाके में रहता हूं जहां फैशन डिजाइनिंग या मुंबई में कॅरियर के बारे में सोचना बहुतों के लिए मुश्किल लगता हो लेकिन मेरे लिए मुश्किल नहीं है क्योंकि मैं जो सोचता हूं उसे करने की इच्छा शक्ति भी रखता हूं।