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सपा की दहाड़ के सामने माया सरकार बौखलाई

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समाजवादी आंदोलन-samajwadi movement

लखनऊ। समाजवादी पार्टी दहाड़ते हुए शेर की तरह मांद से बाहर निकली और प्रदेश भर में मायावती सरकार के भ्रष्टाचार और बदले की भावना से जुल्मों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का बिगुल बजाया। राजधानी में मुलायम सिंह यादव के आंदोलन के सामने मायावती सरकार बौखला गई और उसने समाजवादी पार्टी के आंदोलनकारी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बर्बरता पूर्वक लाठियां बरसाकर अधमरा कर दिया। राज्य भर में सपा के आंदोलनकारी तेवरों को देखकर लगा कि मायावती की पुलिस की लाठियों का सपा ने डटकर मुकाबला किया और पीठ नहीं दिखाई। सपा ने यह साबित किया कि उत्तर प्रदेश में अकेले वह ही मायावती सरकार के दमन का पूरी ताकत के साथ सामना कर रही है। सपा का यह कार्यक्रम राज्य भर में सफल रहा। इसके कारण दिन भर जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। मुलायम के संघर्ष के दौर में भाग खड़े हुए उनके 'कलयुगी हनुमान' और तथाकथित क्षत्रिय सम्राट ठाकुर अमर सिंह को भी माकूल जवाब मिल गया जो मुलायम पर अघोषित हमले करते हुए अनवरत राग अलाप रहे थे कि उनके बिना सपा खत्म हो जाएगी। लेकिन लोगों ने देखा कि सपा खत्म नहीं हुई है बल्कि वह दहाड़ते हुए शेर की तरह मांद से बाहर आई और उसने मायावती सरकार को राजनीतिक जंग की चुनौती पेश कर दी।
समाजवादी पार्टी ने अमर सिंह की गैर मौजूदगी में मायावती सरकार के अत्याचारों और केद्र सरकार की दोगली नीति महंगाई के खिलाफ उत्तर प्रदेश में ज़ोरदार धरना प्रदर्शन किया और गिरफ्तारियां दीं। स्वयं मुलायम भी गिरफ्तार हुए और अपने तीखे तेवरों से दोनों सरकारों को ललकारा। उन्होने इन सरकारों की नीतियों और कार्यप्रणाली का पर्दाफाश करते हुए जनता से अपील की कि वह अपने मान-सम्मान और जान-माल की सुरक्षा के लिए घरों से निकल कर सड़कों पर उतरे। पूरे प्रदेश में समाजवादियों ने मुलायम सिंह यादव की आवाज़ पर धरना प्रदर्शन के माध्यम से प्रदेश में अपनी राजनीतिक ताकत का एहसास कराया।

लखनऊ में मुलायम ने और कानपुर में सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोर्चा संभाल रखा था। दोनों जगह मायावती सरकार ने तगड़ी नाकेबंदी की थी लेकिन सपा के जबरदस्त विरोध के सामने प्रशासन को पसीने आ गए। कई जिलों में प्रदर्शन धरने और गिरफ्तारी से राज्य में कानून व्यवस्था को संभाल पाना प्रशासन के लिए मुश्किल हो गया। जिलों में सपा को धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई थी और धारा 144 लगाकर इसे निषिद्ध किया गया था, लेकिन सपा के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने एक दिन पहले ही कह दिया था कि सारे प्रतिबंध एवं बंधन तोड़कर इस सरकार के भ्रष्टाचार एवं घोर अत्याचार के खिलाफ सपा सड़कों पर उतरेगी। मुलायम के निशाने पर मायावती सरकार प्रमुखता से रही। मुलायम का आरोप है कि राज्य और केंद्र सरकार में नूरा कुश्ती हो रही है क्योंकि दोनों एक दूसरे से मिले हुए हैं।
मुलायम ने सपा कार्यकर्ताओं और जनता का आहवान किया कि वह इन सरकारों के खिलाफ असहयोग आंदोलन चलाए। मुलायम बहुत आक्रोशित थे शाम को मीडिया के सामने वे अपने खिलाफ रची जा रही साजिशों पर सिल-सिलेवार बोले। उन्होंने प्रदेश की ज्वलंत समस्याओं को नज़रअंदाज किए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि समय आ गया है जब प्रदेश की मायावती सरकार को चले जाना चाहिए यह सरकार ढिटाई के साथ भ्रष्टाचार एवं निरीह लोगों पर अत्याचार कर रही है। मुलायम ने ऐलान किया कि उनकी सरकार आने पर जहां-तहां खड़ी की गईं मायावती की मूर्तियों को गिरा दिया जाएगा।

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