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लखनऊ। आंचलिक विज्ञान नगरी ने विभिन्न शोध संस्थानों के साथ मिलकर साइंस एक्स्पो-2010 कार्यक्रम का आयोजन किया है। राज्यपाल बीएल जोशी ने इसका उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम मानव जीवन में विज्ञान और प्रोद्यौगिकी की उपयोगिता को समझाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। विज्ञान नगरी लखनऊ
सहित बहुत सारी राष्ट्रीय स्तर की वैज्ञानिक एवं शोध संस्थाएं हैं जो असाधारण वैज्ञानिक शोध कर रही हैं। लखनऊ के विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के शोध संस्थानों के शोध कार्यों के योगदान को जनमानस तक पहुंचाने के लिए इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शनी, लोकप्रिय विज्ञान व्याख्यान, विद्यार्थियों, अध्यापिकाओं, शोध छात्रों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।
राज्यपाल बीएल जोशी ने लखनऊ और आस-पास के लोगों का आह्वान किया कि वे लखनऊ में आंचलिक विज्ञान नगरी आकर ज्ञान के इस सागर का लाभ उठाएं। आंचलिक विज्ञान नगरी में साइंस एक्स्पो-2010 कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने कहा कि ज्ञान विज्ञान तो असीम है, परंतु हर किसी को अपनी रूचि और क्षमताओं के अनुसार अपना क्षितिज तलाशना है। उन्होंने पंडित नेहरू को देश को विज्ञान के मंदिर के रूप में प्रतिष्ठा दिलाने का श्रेय देते हुए कहा कि उन्होंने ही स्वतंत्र भारत में विज्ञान की आधारशिला रखी और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दिया। साइंस एक्स्पो के दौरान लगाई गई उत्तर प्रदेश की 18 और दिल्ली के रक्षा अनुसंधान इकाई की प्रदर्शनी को लखनऊ तथा आस-पास के लोगों के लिए एक दुर्लभ अवसर बताया। राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग के माध्यम से इस विज्ञान नगरी और इस प्रदर्शनी की जानकारी सभी विद्यालयों में पहुंचाई जानी चाहिए। उन्होंने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा एपीजे अब्दुल कलाम के संकल्प को उद्धृत करते हुए कहा कि स्वप्न देखना जरूरी है-एक विकसित भारत का स्वप्न! उन्होंने बच्चों से कहा कि आने वाले दिनों में इसका उन्हीं पर दारोमदार है।
कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र नई दिल्ली के निदेशक एसएम खेनेड ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को विकास की दृष्टि से देश की कायाकल्प करने का श्रेय दिया और कहा कि अन्न की भीषण अभाव की स्थिति से उबारकर धन-धान्य से परिपूर्ण भारत तक पहुंचाने का श्रेय हमारे कृषि वैज्ञानिकों को ही है। अध्यक्षीय भाषण में बीरबल साहनी पुरा वनस्पति विज्ञान संस्थान के निदेशक और साइंस एक्स्पो-2010 आयोजन के एक संरक्षक डा नरेश चन्द्र मेहरोत्रा ने कहा कि वैज्ञानिक सोच को बढ़ाना हमारे संविधान में संनिहित है। उन्होंने कहा कि यदि सबसे मेधावी बच्चे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नहीं जाते तो इसका कारण केवल आर्थिक नहीं है, शायद हमारी असमर्थता भी है कि हम वैज्ञानिक शोध करने का रोमांच उन्हें नहीं समझा पाये। साइंस एक्स्पो जैसे कार्यक्रम अपने प्रदर्शनों और व्याख्यानों आदि के माध्यम से इस उद्देश्य की पूर्ति करते हैं।
आंचलिक विज्ञान नगरी के परियोजना समायोजक और विज्ञान एक्स्पो-2010 की आयोजन समिति के सचिव समरेंद्र कुमार ने पांच दिनों में होने वाले कार्यक्रमों का परिचय देते हुए कहा कि न केवल स्कूली विद्यार्थियों के लिए बल्कि इंजीनियरिंग, परास्नातक विद्यालयों के विद्यार्थियों और परिवारों एवं महिलाओं के लिए भी यहां विभिन्न प्रतियोगितायें आयोजित की जा रही हैं। शुक्रवार को यहां दो विशेष लोकप्रिय विज्ञान व्याख्यानों का आयोजन किया गया जिसमें 'नैनो पदार्थ' विषय पर एक लोकप्रिय व्याख्यान कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा किंशुक मुखोपाध्याय ने दिया। 'आटोमैशन कवर्जेन्स आफ टेक्नोलॉजीज' विषय पर उत्तर प्रदेश टेक्निकल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो कृपाशंकर ने व्याख्यान दिया। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों के लिए एक विज्ञान प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। परास्नातक एवं शोध विद्यार्थियों के लिए 'वाटरः दि ब्लू गोल्ड' विषय पर 'पावर प्वाइन्ट प्रजेन्टेशन' प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
विज्ञान एक्स्पो-2009 को लखनऊ में कार्यरत लगभग 17 संस्थाओं जैसे संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई), भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर), इस्ट्रैक-ग्राउण्ड स्टेशन (इसरो की एक इकाई), केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) नई दिल्ली, विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी परिषद यूपी (सीएसटी-यूपी), राष्ट्रीय सांस्कृतिक सम्पदा संरक्षण अनुसंधानशाला (एनआरसीएल), बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान (बीएसआईपी) बॉयोटेक पार्क, भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई), केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीआईएमए), राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई), केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई), राष्ट्रीय मत्स्य आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजीआर) लखनऊ, छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल विश्वविद्यालय (सीएसएमयू) लखनऊ उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत, इलाहाबाद एवं अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन आदि संस्थानों के साथ मिलकर मनाया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता दर्शकों से, विशेषकर बच्चों से, मिल रहे हैं और अपने शोध कार्यों एवं अनुभवों की जानकारी दे रहे हैं। इसमें एक विशेष प्रतियोगिता परिवारों के लिए है जिसमें आम जिंदगी में विज्ञान के ऊपर आधारित प्रश्नों के जवाब देकर वे आकर्षक उपहार प्राप्त कर सकते हैं। आशा की जा रही है कि यह विज्ञान एक्स्पो कार्यक्रम जनमानस में विज्ञान एवं वैज्ञानिक शोध को समझने एवं समाज में उसकी उपयोगिता का प्रसार करने में काफी सहायक होगा।