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डॉ गणेश दत्त सारस्वत को श्रद्धांजलि

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लखनऊ। राष्ट्रभाषा हिंदी को अपना जीवन समर्पित करने वाले डॉ गणेश दत्त सारस्वत, शिक्षा और पत्रकारिता में सांस्कृतिक मूल्यों के पक्षधर थे, उनकी रचनाओं में भारत की माटी की सोंधी सुगंध है, उनके जाने से छंदबद्ध साहित्य संरचना का एक स्तम्भ ढह गया है, जिसके पुनर्निर्माण में लम्बा समय लगेगा। ये विचार अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री रामनारायण त्रिपाठी ?पर्यटक? ने अखिल भारतीय नवोदित साहित्यकार परिषद के प्रधान कार्यालय ?साहित्य मन्दिर? राजाजीपुरम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में व्यक्त किये। साहित्य परिषद, साहित्य संरचना मंच, नवोदित साहित्यकार परिषद और पुष्पवाटिका के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में डॉ गणेश दत्त सारस्वत के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की चर्चा करते हुए उपस्थित संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सारस्वत जी को अपने श्रद्धासुमन समर्पित किये। इस अवसर पर सुरेश शुक्ल ?सन्देश? अखिलेश त्रिवेदी ?शाश्वत?, देवेश द्विवेदी ?देवेश?, नज्म सुभाष, भूमिका त्रिपाठी और राजेश प्रियम सहित साहित्यकारों ने डॉ गणेश दत्त सारस्वत का पुनीत स्मरण करते हुए उनके सांस्कृतिक साहित्यावदान को सुरक्षित, संरक्षित और परिवर्धित किये जाने पर बल दिया।

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