लिमटी खरे
भोपाल। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भोपाल में देश के संसदीय इतिहास पर आधारित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस मौके पर राज्यसभा के उपाध्यक्ष के रहमान, विधानसभा के अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी, उपाध्यक्ष हरवंश सिंह सहित विभिन्न राज्यों से आए पीठासीन अधिकारी उपस्थित थे।
भारत की विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के अवसर पर विधानसभा परिसर में लगी 'भारत में लोकतंत्र अतीत से वर्तमान तक' प्रदर्शनी में भारत में वैदिक काल से चली आ रही लोकतांत्रिक परंपरा में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, भारत के संविधान और भारतीय संसद के कामकाज पर चित्रों, लेखों पर भी प्रकाश डाला गया है।
संसदीय संग्रहालय एवं डीएवीपी ने लगाई इस प्रदर्शनी में भारत की संघीय व्यवस्था और देश के विभिन्न राज्यों में संसदीय ढांचे, विशेषकर भोपाल में संसदीय गतिविधियों पर रोशनी डाली गई है। लोकसभा अध्यक्ष और अन्य अतिथियों ने इस प्रदर्शनी का गहराई से अवलोकन किया। मीरा कुमार ने आगंतुक पुस्तिका पर लिखे संदेश में इस प्रदर्शनी की भव्यता की प्रशंसा की। इस दौरान मध्य प्रदेश के विकास को दर्शाती एक अन्य प्रदर्शनी का भी उन्होंने अवलोकन किया। तेरह भागों में विभक्त यह प्रदर्शनी प्राचीनकाल से आज तक की संसदीय संस्थाओं तक देश में लोकतांत्रिक परंपराओं पर विशेष बल देती है। इनमें ऋग्वेद और महात्मा बुद्ध के काल सम्मिलित हैं।
प्रदर्शनी में भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, भारत के संविधान और भारतीय संसद के कामकाज पर चित्रों, लेखों, चार्ट, समाचार-पत्रों की कतरनों इत्यादि से प्रकाश डाला गया है। प्रदर्शनी भारत की संघीय व्यवस्था और देश के विभिन्न राज्यों में संसदीय ढांचे, विशेषकर भोपाल में संसदीय गतिविधियों पर भी प्रकाश डालती है। कम्प्यूटर, मल्टीमीडया और एलसीडी पर दृश्य-श्रव्य के माध्यम से प्रदर्शनी को आकर्षक बनाया गया है। आगंतुक यहां ऋग्वेद के श्लोकों और बौद्ध भिक्षुओं की पाली भाषा में गाए गए श्लोकों को सुन सकते हैं।
महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ बीआर अम्बेडकर और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आवाजें भी यहां सुनी जा सकती हैं। कम्प्यूटर मल्टीमीडिया पर आगंतुक भारतीय संविधान की स्केन की गई प्रति भी देख सकते हैं। प्रदर्शनी में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण क्षण और भारत में चुनाव प्रक्रिया को भी प्रदर्शनी में दर्शाया गया है।