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पटना।मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कहा है कि पटना को महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। एक सौ पचास करोड़ रूपए की लागत से 22.04 एकड़ जमीन पर बुध स्मृति पार्क का निर्माण किया जा रहा है। इस पार्क में एक बड़ा स्तूप बनाया जा रहा है जो भगवान बुद्ध के 2550 वें महापरिनिर्वाण का प्रतीक होगा। पटना में ही बेली रोड पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय होगा जहां पर्यटक बिहार की विरासत और इतिहास को देखेंगे।
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में उद्यमी पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि स्तूप के पास मेडिटेशन सेंटर भी बनाया जा रहा है। पार्क में भगवान बुद्ध की 49 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित होगी। उनके जीवन से संबंधित वस्तुओं को संरक्षित करने के लिए संग्रहालय का निर्माण भी किया जा रहा है, यहां मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन के लिए एक बड़ा हॉल बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुद्ध परंपरा के अनुसार स्तूप में भगवान बुद्ध का अवशेष रहना चाहिए इसके लिए तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा से अनुरोध किया गया है जिन्होंने पूर्व के दलाई लामा द्वारा संरक्षित भगवान बुद्ध के अवशेष को देने के लिए सहमति प्रदान कर दी है, तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा 27 मई को बुद्ध स्मृति पार्क का उद्घाटन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जापान के फूजी गुरूजी एवं श्रीलंका के धर्मगुरू से भी भगवान बुद्ध के अवशेष देने की प्रार्थना की गई है। वैशाली गढ़ से प्राप्त भगवान बुद्ध के भष्मावशेष को भी स्तूप में संरक्षित किया जाएगा। नितीश कुमार का कहना है कि तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के स्मृति पार्क का उद्घाटन करने से पार्क की विश्वस्तरीय ख्याति फैलेगी और देश-विदेश के विभिन्न भागों से आए पर्यटक भगवान बुद्ध के स्तूप का परिभ्रमण करेंगे। सरकार का उद्देश्य है कि गया, राजगीर, नालंदा, वैशाली के साथ-साथ पर्यटक पटना का भी भ्रमण करें इससे बिहार के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण प्रगति होगी। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए यहां के होटल बेहतरीन और निजी ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बिहार में एक लाख बयालिस हजार करोड़ रूपए के निजी निवेश का प्रस्ताव है जोकि केंद्र सरकार के सहयोग से ही क्रियांवित हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के उद्योगपतियों और व्यापारियों को एक स्वर में आवाज़ उठानी चाहिए कि केंद्र सरकार बिहार के पावर प्लांट के लिए कोयले का लिंकेज दे, गन्ने से एथनॉल बनाने की मंजूरी दे और गंगा बेसिन के पानी के उपयोग पर से रोक हटाए। उन्होंने कहा कि मखाना, लीची, फूड प्रोसेसिंग और कृषि आधारित उद्योगों में यहां के व्यवसायियों को निवेश करना चाहिए।