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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नई और पायनियर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस प्रकार की इकाइयों को इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है। ऊर्जा विभाग की अधिसूचना के अनुसार समस्त नई औद्योगिक इकाइयों को यह छूट 10 वर्षों के लिए और पायनियर इकाइयों को 15 वर्षों के लिए प्रदान की जाएगी।
राज्य के ऊर्जा सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट के इस प्राविधान से प्रदेश सरकार की उद्योगों के कास के प्रति दृढ़ इच्छा-शक्ति प्रकट होती है। राज्य में नये उद्योगों की स्थापना के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। सहगल जो कि उप्र पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि विद्युत पारेषण और वितरण हानियों में कमी करने के लिए किये जा रहे प्रयासों के परिणाम उत्साहजनक हैं, जिससे इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट से होने वाली कमी की प्रतिपूर्ति का जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यद्यपि उत्तर प्रदेश की औद्योगिक और सेवा क्षेत्र निवेश नीति में नई इकाइयों को इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट का प्रस्ताव है किन्तु किसी शासनादेश या अधिसूचना के अभाव में इसको पूर्व में लागू नहीं किया जा सका।
उप्र इलेक्ट्रिसिटी (ड्यूटी) अधिनियम 1952 (उप्र अधिनियम संख्या 33 सन् 1952) के अनुसार वर्तमान में मीटर लगे संभरण की स्थिति में 9 पैसे प्रति यूनिट और किसी अन्य व्यक्ति के अधिष्ठापित अपने निजी विद्युत उत्पादन स्रोत से औद्योगिक और अन्य प्रयोजनों के लिए उपभुक्त ऊर्जा पर 3 पैसे प्रति यूनिट की दर से इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी लागू की जाती है।