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लखनऊ। यूपी सीआईआई स्टेट काउन्सिल केचेयरमैन रमेश सूरी ने वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी के केन्द्रीय बजट 2010-11 पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि बजट प्रस्ताव में असीम सन्तुलन दिख रहा है। इसमें जहां एक ओर स्पष्ट रूप से अगले तीन वर्षों में वित्तीय घाटे को कम करने के लिए लक्ष्य स्थापित किये गये हैं वहीं दूसरी ओर पूंजी व्यय हेतु संसाधन जुटाने के लिए विनिवेश जैसे उपायों का विस्तृत खाका तैयार किया गया है। विकासोन्मुखी दृष्टि कोण से कृषि उत्पादकता पर विशेष उपाय एवं आम आदमी के हाथों में अधिक प्रयोज्य आय एक सकारात्मक वातावरण स्थापित करने हेतु निश्चित ही स्वागत योग्य कदम है।
काउंसिल ने कहा कि बजट को उप्र की दृष्टि से देखें तो एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था के लिए 61 हजार करोड़ रूपए का ग्रामीण विकास के लिये विशेष प्रावधान, निश्चित ही सराहनीय कदम है। इस अवसर पर स्टेट काउंसिल के उपाध्यक्ष जयंत कृष्णा ने कहा कि कृषि एवं उससे जुड़े हुए उद्योगों के लिए विशेष प्रावधान उत्पादकता एवं निजी क्षेत्र के उद्यमियों के लिए सुनहरे अवसर प्रदान करेगा। खुदरा व्यापार कर रियायतें, उपाय उर्वरक सब्सिडी संरक्षण खेती पर बल एवं खाद्य प्रसंस्करण को गति प्रदान करने हेतु विभिन्न उपाय सरकार की कृषि क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं। सीआईआई उत्तरीय क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक चारू माथुर ने कहा कि समग्रता की मूल भावना से ओत प्रोत यह बजट महिलाओं बच्चों, स्वास्थ्य, शिक्षा, और पिछड़े वर्गों के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से एक दूरगामी कदम है।