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लखनऊ। बिल एण्ड मिलिण्डा गेट्स फाउण्डेशन की संस्थापक मिलिण्डा गेट्स ने अपने सहयोगियों फैमली हेल्थ ग्लोब्ल हेल्थ प्रोग्राम के निदेशक गैरी डारम्स स्टैड, फाउन्डेशन के निदेशक अशोक एलेक्जेन्डर, जैफरी इस्पेक्टर चीफ ऑफ स्टाफ और सीनियर प्रोग्राम आफिसर उषा किरन के साथ उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से पांच कालीदास सरकारी आवास पर भेंट की। राज्य सरकार के प्रेस नोट में बताया गया है कि मिलिण्डा गेट्स ने फाउण्डेशन के उत्तर प्रदेश में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेक्टर में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों एवं भावी योजनाओं के बारे में मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि फाउण्डेशन के जनता के हित में किये जा रहे प्रयासों में सरकार पूरा-पूरा सहयोग देगी। राज्य सरकार ने दावा किया है कि मिलिण्डा गेट्स ने फाउण्डेशन की ओर से राज्य की चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाओं में दो सौ पचास करोड़ रूपये के निवेश का आश्वासन दिया है।
मायावती मिलिण्डा गेट्स से भी यहां की राजनीतिक बाते करने से नही चूकीं और उन्होंने उन्हें बताया कि सन् 2007 में प्रदेश में विधान सभा चुनाव हुए थे, उसमें राज्य में 16 वर्ष की राजनीतिक अस्थिरता के बाद उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था लेकिन उन्हें राजनीतिक विरासत में कुछ भी नहीं मिला था। कांशीराम ने गांव-गांव घूम-घूमकर गरीबों एवं दलितों को संगठित करके बीएसपी की स्थापना की थी। गरीबों के कारण ही उन्हें बहुमत मिला, इसलिए उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता गरीबों के कल्याण के लिए कार्य करना थी। उस समय प्रदेश की कानून-व्यवस्था बहुत खराब थी, उसे ठीक करने के बाद उन्होंने गरीबों की मदद के लिए तमाम योजनाएं शुरू कीं। मायावती ने गेट्स के सामने दावा किया कि राज्य के गांवों में खासतौर से गरीबों की बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर, जो संविधान के रचयिता थे, के नाम पर अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना शुरू की गई है, जो प्रदेश के सभी जनपदों में सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का मिलिण्डा गेट्स के सामने खूब बखान किया और कहा कि गरीब एवं निर्धन बालिकाओं के उत्थान एवं शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए योजनाओं की शुरूआत की गयी है, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाओं को बेहतर बनाने पर विशेष जोर दिया गया है, गरीबी के कारण लोग इलाज नहीं करा पाते थे, ऐसे लोगों के लिए उनकी सरकार ने सरकारी अस्पतालों में तमाम सुविधाएं मुहैया कराई हैं। मुलाकात के दौरान मिलिण्डा गेट्स ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उनके फाउण्डेशन की ओर से विशेष रूप से शिशु चिकित्सा, मातृत्व स्वास्थ्य, खासतौर से पोलियो और टीबी उन्मूलन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए दो सौ पचास करोड़ रूपये पूंजी निवेश करने का आश्वासन दिया।
फाउण्डेशन की संस्थापक गेट्स ने यह भी कहा बताते हैं कि फाउण्डेशन, उत्तर प्रदेश के साथ उन क्षेत्रों में भी सकारात्मक सहयोग की सम्भावनाओं पर जोर देना चाहता है, जो अब तक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाओं की पहुंच से दूर हैं। मौजूदा समय में फाउंडेशन लगभग 500 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का संचालन कर रहा है और सबसे अधिक व्यय उत्तर प्रदेश में किया गया है। इसके अलावा फाउण्डेशन उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सूचकांकी में सुधार लाने के लिए योगदान बढ़ाने का भी इच्छुक है। इस मामले में शीघ्र ही फाउण्डेशन और राज्य सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किया जायेगा।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सतीश चन्द्र मिश्र, मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता, अपर मंत्रिमण्डलीय सचिव नेतराम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव शैलेश कृष्ण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव प्रदीप शुक्ला, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा आरआर भारती आदि मौजूद थे।