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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सर्वोच्च न्यायालय में मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने संबंधी निर्णय का स्वागत किया है और मांग की है कि केंद्र सरकार पूरे देश में पिछड़े वर्ग के मुसलमानों के लिए आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में तुरंत कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को भी इस बारे में तुरंत बिल लाना चाहिए।
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने पिछड़े वर्ग के मुस्लिमों को चार प्रतिशत आरक्षण देने की पहल कर एक रास्ता खोला था। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर मुहर लगाते हुए सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण का हक देकर एक प्रशंसनीय कार्य किया है। ज्ञातव्य है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 'सवाल यह नहीं है कि वे हिन्दू हैं या मुस्लिम बल्कि सवाल सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ेपन का है, सिर्फ इसलिए कि वे मुस्लिम हैं उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है।' मुलायम ने कहा कि केवल धर्म के आधार पर दलितों और पिछड़ों के साथ नाइंसाफी का समाजवादी पार्टी हमेशा विरोध करती रही है। उसकी हमेशा मांग रही है कि मुस्लिमों को भी नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में पर्याप्त आरक्षण मिलना चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार को उचित वैधानिक कदम उठाने में देर नहीं करनी चाहिए।
मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में सर्वप्रथम यह मुद्दा उठाया और सरकार को बाध्य किया कि वह सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र की संस्तुतियों को लागू करने में देर न करे। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि आजादी के बाद मुस्लिम समुदाय की हालत बद से बदतर हुई है। उसका एक बड़ा वर्ग शिक्षा और नौकरी के साथ सत्ता प्रतिष्ठानों में नगण्य हो गया है। कांग्रेस जिसने 50 साल से ज्यादा इस देश पर राज किया मुस्लिमों के इस लगातार पिछड़ेपन और दुर्दशा के लिए जिम्मेवार है। विधान सभाओं और संसद में मुस्लिम प्रतिनिधित्व जो अभी बरायनाम है, हमेशा को समाप्त करने के लिए महिला आरक्षण बिल लाया गया है। ये साजिशें हैं जोकि मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने के लिए हो रही हैं। इसीलिए मुलायम सिंह यादव इन नीतियों का पुरजोर विरोध करते हैं और मानते हैं कि इस देश के हर नागरिक को, जो शिक्षा, नौकरी और सामाजिक रूप से पिछड़ा है, अपना हक पाने का अधिकार है। सामाजिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर गरीब और पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण का लाभ मिलना ही चाहिए।