स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
लखनऊ। छत्तीसगढ़ के दांतेवाड़ा में 6 अप्रैल को नक्सलियों के भीषण हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों के 42 शव लखनऊ अमौसी हवाई अड्डे पर उतारे गए तो वहां का वातावरण शोकाकुल हो उठा। इन शवों को सीआरपीएफ ने यहां से उनके घर पहुंचाया है। हवाई अड्डे के बाहर सीआरपीएफ के जवानों, अफसरों ने उन्हें सलामी गारद के साथ अंतिम विदाई दी। इस मौके पर कुछ राजनेता और नागरिक भी आए जिन्होंने पुष्पचक्र और श्रद्धांजलि के फूल अर्पित किए। सीआरपीएफ के जवान और अधिकारी अपने कांधे पर जब जवानों के ताबूत हवाई अड्डे के बाहर ला रहे थे तो बहुत से जवानों की आंखों में आंसू थे और साथ ही उनके कर्तव्य परायण का एहसास भी उनमें झलक रहा था।
राज्यपाल की ओर से बीएल जोशी की ओर से उनके प्रतिनिधि ने पुष्पचक्र अर्पित किया जबकि मुख्मंत्री मायावती की ओर से उनके अपर कैबिनेट सचिव नेतराम और उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ब्रजलाल मौजूद थे। राजनीतिक दलों में नेता विरोधी दल शिवपाल सिंह यादव, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद अखिलेश यादव, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने श्रद्धांजलि वहां पहुंचकर अर्पित की और शोक संतप्त परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त की। शहीद जवानों में अखिलेश यादव के गनर जय सिंह का पुत्र सत्येन्द्र सिंह भी हैं।
अखिलेश यादव ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद भारत के लिए बड़ी चुनौती है। सरकार और जनता दोनों को इसके विरूद्ध खड़ा होना चाहिए। केन्द्रीय गृहमंत्री को भी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर बोलना चाहिए। नक्सलवाद का दमन ही एकमात्र उपाय नहीं, राजनैतिक स्तर पर भी उसका समाधान खोजा जाना चाहिए। नक्सली क्षेत्रों में शिक्षा और रोजगार के साथ विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने यूपी में नक्सलवाद को बढ़ने नहीं दिया था। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाएं स्वीकृत की गई थीं इसलिए मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में प्रदेश में नक्सली हिंसा की घटनाएं नहीं हुई थी। हवाई अड्डे पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष अशोक यादव, महानगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित, पूर्व विधायक शारदा प्रताप शुक्ला, किशन दादा सभासद, देवेन्द्र सिंह, मुन्नी पाल, रमेश यादव, दिनेश सिंह, गिरधारी लोधी, मो इश्हाक, मो ऐबाद, लता बंसल, तारा चन्द यादव एवं मधुर अवस्थी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री मायावती ने हमले को कायराना और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए जवानों की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलियों की इस कार्रवाई को किसी भी दशा में उचित नहीं कहा जा सकता है। मायावती ने मारे गये जवानों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति एवं संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों की आत्मा की शांति की कामना की और कहा कि उनकी सरकार संकट की इस घड़ी में शहीदों के परिवारों के साथ है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा रमापतिराम त्रिपाठी ने जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस घटना से पूरा देश शोकमग्न है। विधानमण्डल दल के नेता ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि इस हमले से देश की अपूर्णीय क्षति हुई।
प्रदेश मुख्यालय पर शोक सभा में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और मुख्य प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है। पार्टी स्वाभाविक रूप से सुरक्षा बलों की हत्या से शोकग्रस्त है, इस समय केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदम्बरम को राजनैतिक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। शोक सभा में विधायक यशपाल सिंह चौहान, विजयसेन सिंह, प्रदेश मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित, संगठन मंत्री अशोक तिवारी, प्रदेश मीडिया प्रभारी नरेन्द्र सिंह राणा, प्रेस सचिव हीरो वाजपेयी, प्रदेश सहमीडिया प्रभारी दिलीप श्रीवास्तव एडवोकेट, सहमुख्यालय प्रभारी चौधरी लक्ष्मण सिंह, कार्यालय सचिव अनूप गुप्ता, आईपी सिंह, दिनेश्वर सिंह, केएन बाजपेयी, शिवकुमार सिंह, दिवाकर सेठ, लालजी त्रिपाठी, अनिल बाजपेयी, राघवेन्द्र पाण्डेय, हरिशंकर शुक्ला ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।