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नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च पदों पर कार्य कर चुके लोगों की यह आम राय है कि भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे की तरफ चलता है और जब तक सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग भ्रष्टाचार में लिप्त रहेंगे तब तक इस समस्या का समाधान संभव नहीं है। वैसे भी देश के कानून के अनुसार रिश्वतखोरी कोई समस्या नहीं बल्कि साफतौर से एक अपराध है और जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त रहता है, रिश्वतखोरी करता है उसे देश के कानून के अनुसार दण्ड मिलना ही चाहिए। जरूरत इस बात की है कि सर्वोच्च पदों पर बैठ चुके या वर्तमान में उच्च पदों पर आसीन लोगों की अर्जित की गयी सम्पति के एक-एक पैसे का हिसाब देश को दिया जाए। भ्रष्टाचार के अपराधी इसलिए दण्डित नहीं होते हैं क्योंकि सामान्यतः दण्ड देने का अधिकार जिन लोगों को प्राप्त है, उनमें से कुछ अपवादों को छोड़कर, अधिकांशतः स्वंय ही दिन-प्रतिदिन भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
इसी तरह वर्षों से देश की सम्पत्ति को अनियमित ढंग से और अपराधिक कृत्य करके विदेशों में धन जमा करने वाले भी राष्ट्र के सबसे बड़े दुश्मन हैं जिन्होंने 700 लाख करोड़ रूपयों से भी कहीं ज्यादा धन विदेशों में जमा कर रखा है। देश की इस लूटी हुई सम्पत्ति को वापस लाकर गरीबी और पिछड़ेपन को बिना किसी देरी के समाप्त किया जा सकता है। सर्वोच्च स्तरों पर व्याप्त भ्रष्टाचार और विदेशों में जमा खरबों रूपये तभी वापस आ सकते हैं जब आम जन इसके लिए एक जुट हो और इस समस्या को दूर करने के लिए अपना हर प्रकार का सहयोग और समर्थन देने के लिए आगे आए।
नेशनल रीजुविनेशन फाउण्डेशन ने कहा है कि इन समस्याओं को वर्षों से समाप्त करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है इसलिए इनसे लड़ने का साहस या क्षमता वर्तमान की व्यवस्था पूरी तरह से खो चुकी है। इसलिए इन समस्याओं से देश को मुक्ति दिलाने के लिए जनमत तैयार करके एक व्यापक जन आन्दोलन खड़ा किया जाना होगा। यदि आप इन बातों से सहमत हैं, आप ऐसा महसूस करते हैं कि इस समस्या का समाधान बिना किसी देर के किया जाना चाहिए तो भ्रष्टाचारियों एवं रिश्वतखोरों की वास्तविक जगह जेल के सींख़चे हैं। अनुरोध किया गया है कि इस अभियान से जुड़ने के लिये अपनी सहमति दें और यह भी लिखें कि आप किस तरह से देश को इस बुराई से मुक्त कराने के लिए अपना योगदान देना चाहेंगे।
जस्टिस आरसी लाहोटी भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय, जेएम लिन्गडोह भूतपूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त, वीके शुंगलू भूतपूर्व कन्ट्रोलर एवं ऑडिटर, जनरल कृष्णास्वामी भूतपूर्व वायु सेनाध्यक्ष, जेएफ रिबेरो भूतपूर्व पुलिस महानिदेशक, प्रो एसके जोशी पूर्व महानिदेशक, भूरेलाल भूतपूर्व सचिव भारत सरकार, डा हरी गौतम भूतपूर्व अध्यक्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, प्रोफेसर एचसी पाण्डेय, प्रोफेसर एसके दुबे भूतपूर्व निदेशक आईआईटी खड़गपुर, एनसी सक्सेना भूतपूर्व सचिव, भारत सरकार, एसएटी रिज़वी भूतपूर्व सचिव भारत सरकार, जावेद चौधरी, भूतपूर्व सचिव, भारत सरकार, प्रकाश सिंह भूतपूर्व पुलिस महानिदेशक, एसपी तालुकदार, भूतपूर्व विशेष निदेशक आईबी, बीआर लाल भूतपूर्व पुलिस महानिदेशक, प्रोफेसर एसजेडएच ज़ाफरी दिल्ली विश्वविद्यालय इस अभियान की अगुआई कर रहे हैं।