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लंदन। कथा (यूके) का वर्ष 2010 के लिए अंतर्राष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान कहानीकार और रंगकर्मी हृषीकेश सुलभ को राजकमल प्रकाशन से 2009 में प्रकाशित उनके कहानी संग्रह 'वसंत के हत्यारे' पर दिया गया है। लंदन में कथा (यूके) के महासचिव एवं जाने-माने कथाकार तेजेन्द्र शर्मा ने बताया है कि इस सम्मान में दिल्ली-लंदन-दिल्ली का आने-जाने का हवाई यात्रा का टिकट (एअर इंडिया से प्रायोजित) एअरपोर्ट टैक्स़, इंगलैंड के लिए वीसा शुल्क़, एक शील्ड, शॉल, लंदन में एक सप्ताह तक रहने की सुविधा और लंदन के खास-खास दर्शनीय स्थलों का भ्रमण शामिल है। यह सम्मान हृषीकेश सुलभ को लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स में 8 जुलाई 2010 की शाम को एक भव्य आयोजन में प्रदान किया जायेगा। सम्मान समारोह में भारत और विदेशों में रचे जा रहे साहित्य पर गंभीर चिंतन भी किया जायेगा।
इंदु शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना संभावनाशील कथा लेखिका एवं कवयित्री इंदु शर्मा की स्मृति में की गयी थी। इंदु शर्मा का कैंसर से लड़ते हुए अल्प आयु में ही निधन हो गया था। अब तक यह प्रतिष्ठित सम्मान चित्रा मुद्गल, संजीव, ज्ञान चतुर्वेदी, एसआर हरनोट, विभूति नारायण राय, प्रमोद कुमार तिवारी, असग़र वजाहत, महुआ माजी, नासिरा शर्मा और भगवान दास मोरवाल को प्रदान किया जा चुका है।
पंद्रह फ़रवरी 1955 को बिहार के छपरा में जनमे कथाकार, नाटककार, रंग-समीक्षक हृषीकेश सुलभ की विगत तीन दशकों से कथा-लेखन, नाट्य-लेखन, रंगकर्म के साथ-साथ सांस्कृतिक आन्दोलनों में सक्रिय भागीदारी रही है। उन्होंने तीन कहानी संग्रह-बँधा है काल, वधस्थल से छलाँग और पत्थरकट-एक जिल्द में तूती की आवाज़ के नाम से प्रकाशित हैं। हृषीकेश को अब तक कथा लेखन के लिए बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान, नाट्य-लेखन और नाट्यालोचना के लिए डॉ सिद्धनाथ कुमार स्मृति सम्मान, और रामवृक्ष बेनीपुरी सम्मान मिल चुके हैं।
वर्ष 2010 के लिए 'पद्मानन्द साहित्य सम्मान' इस बार संयुक्त रूप से महेन्द्र दवेसर दीपक को मेधा बुक्स, दिल्ली से 2009 में प्रकाशित उनके कहानी संग्रह अपनी अपनी आग के लिए और कादम्बरी मेहरा को सामयिक प्रकाशन से प्रकाशित उनके कहानी संग्रह पथ के फूल के लिए दिया जा रहा है। दिल्ली में 1929 में जन्मे महेन्द्र दवेसर ?दीपक? के इससे पहले दो कहानी संग्रह पहले कहा होता और बुझे दीये की आरती प्रकाशित हो चुके हैं। दिल्ली में ही जन्मी कादम्बरी मेहरा अंग्रेज़ी में एमए हैं और उन्हें वेबज़ीन एक्सेलनेट से साहित्य सम्मान मिल चुका है। इससे पहले उनका एक कहानी संग्रह कुछ जग की प्रकाशित हो चुका है।
इससे पूर्व इंगलैण्ड के प्रतिष्ठित हिन्दी लेखकों डॉ सत्येंद्र श्रीवास्तव, दिव्या माथुर, नरेश भारतीय, भारतेन्दु विमल, डॉ अचला शर्मा, उषा राजे सक्सेना, गोविंद शर्मा, डॉ गौतम सचदेव, उषा वर्मा और मोहन राणा को पद्मानन्द साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। तेजेंद्र शर्मा ने कहा है कि कथा यूके परिवार उन सभी लेखकों, पत्रकारों, संपादकों मित्रों और शुभचिंतकों का हार्दिक आभार मानते हुए उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित करता है जिन्होंने इस वर्ष के पुरस्कार के चयन के लिए लेखकों के नाम सुझा कर कथा यूके का मार्गदर्शन किया और अपनी बहुमूल्य संस्तुतियां भेजीं।